लोकसभा चुनाव के लिए सातवें और अंतिम चरण का मतदान शनिवार को सम्पन्न होने के बाद एग्जिट पोल्स के नतीजे आने लगे। ज्यादातर सर्वे ने एकबार फिर केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने का अनुमान लगाया गया है।जिसके बाद आम आदमी पार्टी (AAP) नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इन सारे एग्जिट पोल्स को फर्जी बताया है। उनका कहना है कि ऐसा होने सम्भव नहीं है, साथ ही इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार को दोषी ठहराते हुए आरोप लगाया कि एग्जिट पोल में हेरफेर की गई है। और ऐसा करने के पीछे उन्होंने अपनी ओर से चार कारण भी बताए।एग्जिट पोल्स के परिणाम आने के बाद संजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘2004 में भी ऐसे फर्जी आंकड़े बने थे। यह साफ तौर पर दिख रहा है कि ये सारे एग्जिट पोल फर्जी हैं। जाहिर है ये दर्शाए गए आंकड़े संभव ही नहीं है। ये बात तो सर्वे एजेंसी भी जानती है। सबसे अजीब बात यह है कि सभी सर्वेक्षण प्रत्येक राज्य के लिए लगभग समान नंबर दे रहे हैं। आम तौर पर इसमें व्यापक विविधताएं होती हैं। इसलिए प्रत्यक्ष रूप से सभी एग्जिट पोल में हेरफेर किया गया है। लेकिन क्यों?’आगे उन्होंने ऐसा करने के पीछे के चार कारण बताते हुए लिखा, ‘1. क्या उन्होंने ईवीएम या प्रक्रिया में हेरफेर किया है कि वास्तव में उन्हें ये सीटें मिलेंगी और वे आज इसे उचित ठहरा रहे हैं? 2. क्या वे नौकरशाही पर कुछ गलत करने के लिए दबाव डालने का संदेश भेज रहे हैं? शायद गिनती आदि के दौरान? 3. क्या वे क्षेत्रीय दलों को उनकी ओर जाने के लिए दबाव बनाने वाला संदेश भेज रहे हैं? 4. यदि वास्तविक संख्या कम है, तो तुरंत भाजपा के भीतर विद्रोह हो जाएगा। क्या तत्काल विद्रोह को दबाने के लिए इन एग्ज़िट पोल में हेरफेर किया गया है?’इसके अलावा एक अन्य पोस्ट में एग्जिट पोल्स पर कटाक्ष करते हुए संजय सिंह ने लिखा, ‘एग्जिट पोल के नतीजों में भाजपा को अखंड भारत से 700 सीटें। जिनमें भारत से 200, पाकिस्तान से 100, अफगानिस्तान से 70, बांग्लादेश से 70, श्रीलंका से 50, भूटान से 50, नेपाल से 50, थाईलैंड से 50, इंडोनेशिया से 30 और ईरान से 30 सीटें’वहीं पीटीआई से बात करते हुए भी संजय सिंह ने एग्जिट पोल पर अपना गुस्सा निकालते हुए कहा, ‘ये सरकारी एग्जिट पोल हैं, ये मोदी के एग्जिट पोल हैं, ये प्रायोजित एग्जिट पोल हैं, हमेशा एग्जिट पोल के नतीजे मोदी को जिताते हैं, महामानव के पक्ष में आते हैं। ये एग्जिट पोल के नतीजे 20-25 हजार लोगों के बीच का सैम्पल सर्वे लेकर पूरे देश का आकलन करना 144 करोड़ की आबादी वाले मु्ल्क का आकलन करना, मैं समझता हूं इससे कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। यह सरकार द्वारा और मोदी सरकार द्वारा प्रायोजित एग्जिट पोल हैं।’