भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि विकसित भारत की नींव एक जून को रखी जाएगी। वह सोमवार को वाराणसी के दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने विभिन्न बैठकों और कार्यक्रमों में भाग लिया।इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज देश आगे बढ़ रहा है और विकसित भारत की नींव रखने का समय एक जून 2024 है, जब वाराणसी की जनता भाजपा को आशीर्वाद देगी। दस साल पहले देश का नागरिक राजनीति के प्रति उदासीन हो चुका था, उसका विश्वास टूट चुका था। जब राजनीति में लोकमत उदासीन हो जाए, तो वो प्रजातंत्र के लिए खतरा बन जाता है। लेकिन 10 साल में प्रधानमंत्री मोदी जी ने साधारण नागरिक में विश्वास पैदा किया है। आज इस विश्वास के कारण ही हम विकसित भारत के संकल्प को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अखिलेश यादव कहते हैं कि भारत तो अनपढ़ है, यहां डिजिटल क्या करोगे, लेकिन मोदी जी भारत का सामर्थ्य जानते थे। आज यहां सब्जी बेचने वाला भी डिजिटल ट्रांजैक्शन कर रहा है। दुनिया का 40 प्रतिशत डिजिटल ट्रांजैक्शन आज भारत में होता है।भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि गांव, गरीब, वंचित, शोषित, पीड़ित, किसान, युवा, महिला मोदी जी के नेतृत्व में सबका सशक्तिकरण हुआ है। उन्होंने कहा कि आज दो लाख पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर बिछाया गया है। आज दो लाख कॉमन सर्विस सेंटर चल रहे हैं। ये बदलते भारत के बदलते गांव हैं।आज दवाई मैन्युफैक्चरिंग में भारत दूसरे नंबर पर खड़ा है। सबसे सस्ती और असरदार दवाएं भारत बना रहा है। 126 फीसद एक्सपोर्ट बढ़ गया है।नड्डा ने कहा कि लंबे समय तक भारतीय राजनीति का अर्थ था, फूट डालो राज करो, सबके नाम पर वोट मांगो और सरकार बन जाए, तो किसी जाति के बन जाओ। उत्तर प्रदेश इसका प्रमाण है। यहां आपने दो पार्टियों की सरकार देखी हैं, जिन्होंने सबका मत लिया और बाद में एक जाति की बनके रह गईं।उन्होंने कहा, “देश में जाति, धर्म और क्षेत्र की राजनीति होती थी, लेकिन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र पर देश की राजनीति की परिभाषा, संस्कृति और तरीका बदल गया है। आज देश आगे बढ़ रहा है और विकसित भारत की नींव रखने का समय एक जून 2024 है, जब वाराणसी की जनता भाजपा को आशीर्वाद देगी।”राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा, “मोदी जी ने कहा है कि ‘न आंख ऊपर उठाके देखेंगे, न झुकाके देखेंगे, बल्कि आंखों से आंखें मिलाके देखेंगे’। इन तीन बातों से भारत को स्थापित किया और बताया कि चाहे कोई भी देश हो, 140 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाला भारत बराबरी से बात करेगा। जी-7, जी-20 और एससीओ तक ऐसा कोई वैश्विक फोरम नहीं है, जहां भारत का प्रतिनिधित्व नहीं हो रहा है। जिस वैश्विक संगठन का सदस्य भारत नहीं है, वहां भी आमंत्रित सदस्य के तौर पर भारत की मौजूदगी है। विश्वमित्र के रूप में भी भारत ने खुद को स्थापित किया है। नेपाल में कोई घटना घटी, तुर्की में भूकंप आया, कहीं सुनामी आई या त्रासदी हुई तो भारत सबसे पहले मदद के लिए आगे आता है।”