कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक कार्यक्रम में आरएसएस पर हमला बोलते हुए कहा था कि इनके संगठन में महिलाओं के लिए जगह नहीं है। राहुल गांधी के इस बयान पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने प्रतिक्रिया दी।
सुधांशु त्रिवेदी ने बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि राहुल गांधी ने बहुत साल पहले बोला था कि वह सबकुछ समझने के लिए गीता-पुराण पढ़ रहे हैं, लेकिन, वहां से पढ़ते-पढ़ते आज यह विचार रख रहे हैं कि महिला शक्ति से लड़ना है। आरएसएस का मतलब है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ। दूसरा संगठन है राष्ट्रीय स्वयं सेविका संघ। जिस प्रकार से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत जी हैं, उसी प्रकार से राष्ट्रीय स्वयंसेविका समिति की प्रमुख वी. शांता कुमारी हैं। अगर इतनी समझ राहुल गांधी को नहीं आती है तो उनका यह बयान दुर्भाग्यपूर्ण है।
भाजपा की ओर से ‘बुर्के वाली वोटर्स’ की जांच करने को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ा एतराज जताया है। जिस पर सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग पूरी तरह से स्वतंत्र है। चुनाव आयोग जो उचित समझता है, वह निर्णय लेता है। ऐसे में मैं इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।
बंगाल में ओबीसी कोटे से मुस्लिम समुदाय को आरक्षण देने के फैसले को बंगाल हाईकोर्ट की ओर से खारिज करने पर सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में संविधान के साथ किस तरह खतरा उत्पन्न हो सकता है, यह साफ हो गया है। जब यह बात स्पष्ट हो गई है कि 71 जातियां उन्होंने ओबीसी में जोड़ी। जिसमें 65 मुस्लिम थी, जिसके बाद पिछड़ा वर्ग आयोग ने पूछा कि इतनी भारी संख्या में कैसे हो गया, तब पश्चिम बंगाल सरकार ने जवाब दिया कि यह लोग कन्वर्जन से पहले इन जातियों से जुड़े हुए थे, इसलिए इनको आरक्षण दिया गया। इसके बाद पूछा गया कि इतनी भारी मात्रा में कन्वर्जन कैसे हुआ तो इसका कोई जवाब नहीं आया। पिछड़ा वर्ग ने आपत्ति जताते हुए कहा कि इसमें से ज्यादा जातियां ऐसी हैं, जो मुख्यतः बांग्लादेश में पाई जाती हैं, जो पश्चिम बंगाल में नहीं पाई जाती।
उन्होंने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर और सरदार पटेल ने संविधान में धार्मिक आरक्षण को पूरी तरह से खारिज कर दिया था। यह लोग संविधान को नष्ट करना चाहते हैं। संविधान इन लोगों की नीतियों की वजह से खतरे में है। इससे पहले भी कांग्रेस पार्टी साल 2009 के लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र और साल 2012 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी स्पष्ट कर चुकी है कि वह किसके साथ है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से पिछड़ों को लेकर दिए गए बयान पर सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में एसटी, एससी, ओबीसी के साथ अन्याय हुआ और यह सारी बातें खुलकर सामने आ रही हैं। नेहरू के समय में किस तरीके से कमेटी गठित हुई, इसकी रिपोर्ट 1955 में आ गई। ओबीसी के ऊपर कोई सुनवाई नहीं हुई। 1977 तक कोई सुनवाई नहीं हुई। मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि कांग्रेस सरकार में कितने पिछड़े मंत्री थे। मैं दावे के साथ कह सकता हूं, एक पिछड़ा मंत्री थे, वीरप्पा मोइली। उनके अलावा कोई भी पिछड़ा मंत्री नहीं था। आज मोदी की सरकार में देश के इतिहास के सबसे ज्यादा ओबीसी मिनिस्टर हैं।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि स्वाति मालीवाल का प्रकरण एक नहीं अनेक प्रश्न खड़ा करता है। पहली बार अरविंद केजरीवाल कहते थे कि 24 घंटे में कोई भी आदमी मिल सकता है। लेकिन, आज उनकी महिला सांसद के साथ मारपीट हो जाती है। इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ। मेरे विचार से मायावती जी के साथ एक बार ऐसा हुआ था, जिसे गेस्ट हाउस कांड कहा जाता है। जिस ढंग से आम आदमी पार्टी की पूरी टीम चरित्र हरण करने में लगी है, सीएम केजरीवाल को उस पर कुछ बोलना चाहिए। अरविंद केजरीवाल का नकली चेहरा जनता के सामने आ गया है। एक महिला सांसद की मान-सम्मान और प्रतिष्ठा को चोट पहुंची है।
बिभव कुमार को चार दिन की रिमांड के सवाल पर सुधांशु त्रिवेदी ने कहा है कि इस विषय पर जांच एजेंसी अपना काम कर रही है। न्यायालय अपना काम कर रहा है और गिरफ्तारी हो चुकी है, न्यायिक कानूनी प्रक्रिया अलग चल रही है। राजनीतिक सवाल यह है कि सिसोदिया जेल गए, सत्येंद्र जैन जेल गए, संजय सिंह जेल गए, केजरीवाल कभी भी इतने उतावले नहीं हुए, जितने आज हो रहे हैं। सड़क पर प्रदर्शन करने की बात कह रहे हैं। इतना तो वह जेल में गए अपने मंत्रियों के लिए सड़क पर नहीं उतरे।