गाजा के राफा शहर में हमले की चपेट में आने से संयुक्त राष्ट्र के लिए काम करने वाले रिटायर्ड भारतीय कर्नल की मौत हो गई। बीते साल 7 अक्टूबर को इजराइल-हमास संघर्ष शुरू हुआ, जिसके बाद यूएस के किसी अंतरराष्ट्रीय कर्मी की मौत का यह पहला मामला बताया जा रहा है।मारे गए कर्नल की पहचान वैभव अनिल काले के तौर पर हुई जो 46 साल के थे। 2 महीने पहले संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा और संरक्षा विभाग (UNDSS) में सुरक्षा समन्वय अधिकारी नियुक्त किए गए थे। उन्होंने भारतीय सेना में 11 जम्मू-कश्मीर राइफल्स में सर्विस दी थी। भारतीय सेना से 2022 में उन्होंने समय से पहले ही सेवानिवृत्ति ले ली थी।रिपोर्ट के मुताबिक, वैभव अनिल काले के घर पर पत्नी और 2 बच्चे हैं। काले के सोशल मीडिया मंच लिंक्डइन पर दी गई जानकारी के मुताबिक, वह अप्रैल 2004 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे। 2009 से 2010 तक संयुक्त राष्ट्र में मुख्य सुरक्षा अधिकारी के तौर पर अपनी सेवाएं दी थीं। उन्होंने दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से व्यवहार विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून में ग्रेजुएशन किया था। उन्होंने लखनऊ और इंदौर स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान सहित अन्य संस्थानों से भी पढ़ाई की थी।यूरोपियन हॉस्पिटल का दौरा करने जा रहे थे कालेसोमवार को यूएनडीएसएस के कर्मचारियों संग वह UN के वाहन में राफा स्थित यूरोपियन हॉस्पिटल जा रहे थे, तभी हमले की चपेट में आ गए। इस हमले में एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ है जिसकी पहचान नहीं हो सकी है। यूएन महासचिव के उप प्रवक्ता हक ने कहा कि इस समय हम संबंधित सरकारों और परिवारों को जानकारी देने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय कर्मी थे । उन्होंने पुष्टि की कि यह संयुक्त राष्ट्र की पहली अंतरराष्ट्रीय जनहानि है। उन्होंने कहा कि हमले के समय वाहन अस्पताल जा रहा था और उसमें सवार लोग अपने काम पर जा रहे थे। हक ने कहा कि वे विभिन्न स्थानों पर सुरक्षा स्थिति का आकलन करने जाते हैं और यह राफा स्थित यूरोपीय अस्पताल है।