जस्टिस लोकुर, शाह और पत्रकार एन राम की तरफ से पीएम मोदी के साथ डिबेट के लिए दिए गए न्योते को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री को मैं जानता हूं।
वह मुझसे डिबेट नहीं करेंगे। शुक्रवार को लखनऊ में आयोजित संविधान सम्मेलन में राहुल ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 100 प्रतिशत किसी भी मुद्दे पर डिबेट के लिए तैयार हूं। अगर वह मुझसे डिबेट नहीं करना चाहते तो हमारे अध्यक्ष खड़गे जी भी हैं वह उनसे भी कर सकते हैं।
संविधान को हाथ में लेकर सम्मेलन में पहुंचे राहुल गांधी ने यहां भी मोदी सरकार को आरक्षण विरोधी बताते हुए कहा कि देश में पिछड़े, दलित, आदिवासी और अल्ससंख्यकों की संख्या 90 प्रतिशत है लेकिन इनके लिए हर तरफ रास्ते बंद किए जा रहे हैं। संविधान में इन्हें आरक्षण का जो लाभ दिया है उसे खत्म किया जा रहा है। संस्थाओं का निजीकरण करना उसका ही रास्ता है। जब सरकारी संस्थाएं ही नहीं रहेंगी तो आरक्षण देना ही नहीं पड़ेगा।
मोदी प्रधानमंत्री नहीं राजा हैं
मोदी जी प्रधानमंत्री नहीं है, वह राजा है। उन्हें संसद से कुछ नहीं लेना देना। मंत्रिमंडल औऱ संविधान से भी कुछ लेना देना नहीं है। 21वीं सदी के वह राजा हैं। असल में राजा केवल फ्रंट है। पावर कहीं और है। उनके पीछे जो दो तीन फाइनेंसर हैं वह सबकुछ चला रहे हैं। वहीं टेंपो वाले। इनका मकसद है कि पिछड़े, दलितों का रास्ता बंद करो। इनके सभी नेता खुलकर कह रहे हैं कि हम आरक्षण को खत्म कर देंगे। मैं खुलकर कहता हूं कि आप कभी आरक्षण को खत्म नहीं कर सकते हो। क्योंकि आरक्षण 90 प्रतिशत लोगों की आवाज है। आरक्षण पर आक्रमण, संविधान पर आक्रमण, सेना पर आक्रमण, फाइनेंशियल सिस्टम पर आक्रमण, क्यों?
अब थोड़ी सी प्राब्लम आ गई है। अब मोदीजी ने अडानी-अंबानी का नाम ले लिया है। उनसे बचाओ बचाओ कर रहे हैं। उनसे कह रहे हैं कि यह लोग अब संविधान की बात कर रहे हैं। यह लोग आरक्षण की बात कर रहे हैं। आओ इनसे मुझे बचाओ। लेकिन वह नहीं बचा पाएंगे। अब केवल जनता बचा सकती है।
पहले पैदा होते तय हो जाता था काम
राहुल गांधी ने कहा कि पहले पैदा होने से पहले ही भविष्य तय हो जाता था। हिन्दुस्तान के लोगों को छोटे-छोटे खांचे में बांट दिया जाता था। कह दिया जाता था आपको यही काम करना है। यह भी तय हो जाता था कि आपको यह काम नहीं करना है। यहां आप नहीं जा सकते हैं। इन चीजों के खत्म करने के लिए हिन्दुस्तान में कई मूवमेंट हुए। इनमे सबसे सफल मूवमेंट संविधान है। यह संविधान हमें आंबेडकर जी और गांधी जी ने दिया है।
इस संविधान ने ही करोड़ों लोगों के अधिकार के दरवाजे खोले हैं। हालांकि आंबेडकर जी, गांधी जी, नेहरू जी को जो उम्मीद थी, उससे कम लोगों को इस संविधान का फायदा हुआ है। सफलता है लेकिन फेल्योर भी है। इसको लोग कहते हैं कि यह अधिकार का दस्तावेज है। इससे हमें लोकतात्रिक का अधिकार मिलता है। यह केवल अधिकार का दस्तावेज नहीं है, यह ट्रासफर ऑफ पावर का भी दस्तावेज है।
राहुल ने कहा कि आज हम अपने देश को देखें तो 95 फीसदी लोग पिछड़े, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक, और गरीब हैं। अब आप मीडिया को देखिए। मीडिया को मामूली हथियार नहीं है। यह पूरे देश का नैरिटिव बनाता है। यहां बड़े-बड़े पत्रकारों में, मीडिया मालिकों में एक पिछड़े वर्ग का व्यक्ति नहीं मिलेगा। बात अच्छी लगे या न लगे लेकिन यह सच्चाई है। छिपे तरीके से यह किया जाता है। पब्लिक सेक्टर में 90 प्रतिशत के लिए रास्ते खुलते थे। आज दो सौ सबसे बड़ी कंपनियों की लिस्ट निकालिए।उनके सीनियर मैनेजमेंट की लिस्ट निकालिए। करोड़ों की सेलरी लेने वालों की लिस्ट निकालिए और देखिए कि कौन पिछड़े, दलित या गरीब वर्ग का है। न्यायपालिका और सरकार में भी यही हालत है। जो सच्चाई है, वह छिपा दी जाती है।
राहुल ने पूछा कि अग्निवीर स्कीम में नुकसान किसका हुआ है। इसमें एससी, एसटी, ओबीसी, गरीब जनरल कास्ट का नुकसान हुआ है। अग्निवीर सीनियर लेबल पर नहीं है। यह केवल जवान के लेबल पर है। दो तरह के शहीद बनाए जा रहे हैं। जहां भी देखो 90 प्रतिशत वाले तो है ही नहीं। सबकुछ छोड़ दीजिए, जाति जनगणना कर लीजिए। जो मैं बोल रहा हूं गलत है तो यह पता लगाइए पिछड़े और दलित कहां हैं। किसी संस्था में हैं। कोर्ट में कितने लोग हैं। रिएक्शन आता है कि जातीय जनगणना नहीं होना चाहिए, इससे क्या होगा? इससे हिन्दुस्तान के करोड़ों लोगों को हिन्दुस्तान की सच्चाई पता चलेगी। इस सच्चाई से डर क्यों लग रहा है।
अगर हिन्दुस्तान को मजबूत बनाना है। मोदी जी जिस सुपर पावर की बात करते हैं, वह तो 90 प्रतिशत लोगों के बिना नहीं हो सकता है। जब यह 90 प्रतिशत नहीं आएंगे तो मोदी जी का सुपर पावर इंडिया कैसे बनेगा। दस प्रतिशत से सुपर पावर बना लेंगे? आखिर आप किस दुनिया में हो। मोदी जी कहते हैं कि मैं संविधान को रद नहीं करना चाहता हूं। जब आप सीबीआई और ईडी को राजनीति और लोकतंत्र पर हमले करते हो तो आप संविधान पर आक्रमण करते हो। जब आप सभी संस्थाओं में आरएएस वालों को भर रहे हो तो संविधान पर आक्रमण कर रहे हो। जब आप नोटबंदी करते हो तो पिछड़े और दलितों पर हमले करते हो तो आप संविधान पर हमले करते हो। जब बिना सेना से पूछे अग्निवीर लाते हैं तो यह संविधान पर हमला है।