कथित शराब घोटाले में गिरफ्तार किए गए आम आदमी पार्टी (आप) नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सोमवार को नोटिस जारी किया। संजय सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट की उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें गिरफ्तारी को अवैध बताने की उनकी अपील खारिज कर दी गई थी।
संजय सिंह पिछले महीने से ही जेल में बंद हैं, जिन्हें शराब घोटाले में शामिल होने के आरोप में ईडी ने गिरफ्तार किया था।
जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ ने संजय सिंह की याचिका पर सुनवाई की और ईडी से जवाब मांगा है। ‘आप’ नेता संजय सिंह की ओर से सर्वोच्च अदालत में पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने ईडी की ओर से संजय सिंह की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए और इसे कानून की नजर में शुरुआत से ही अमान्य बताया। लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सिंघवी ने कहा कि एंटी मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट में धारा 19 जो वैध गिरफ्तारी की आवश्यकताओं को निर्धारित करती है, शक्ति के मनमाने इस्तेमाल से सुरक्षा भी प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि इसके तहत लिखित में यह बताना होता है कि क्यों यह विश्वास किया जा रहा है कि व्यक्ति मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल है और व्यक्ति को गिरफ्तारी का आधार बताना होता है।
रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस खन्ना ने कहा, ‘लेकिन हाई कोर्ट ने पाया कि सिंह को छह पन्नों में गिरफ्तारी का आधार बताया गया था।’ हालांकि, वरिष्ठ वकील ने कहा कि यह ‘पूरी तरह अलग केस’ था। सिंघवी ने आगे कहा कि इसमें धारा 19 के चार शब्दों वाले वैधानिक परीक्षण को पूरा नहीं किया गया। उन्होंने कहा, ‘ यह नोट किया जाना चाहिए कि ये चार शब्द हैं ‘विश्वास का कारण, सामग्री का आधार, ‘दोषी’, ‘गिरफ्तारी संभव’। इस पर बेंच ने कहा, ‘धारा 19 की भाषा कुछ हद तक स्पष्ट नहीं है। दोष का फैसला अभी नहीं हो सकता है।’
हालांकि, बेंच ने नोटिस भेजने पर सहमति जताई। जज ने सांसद को नियमित जमानत याचिका दायर करने की सलाह दी। कोर्ट ने कहा कि 11 दिसंबर को शुरू होने वाले सप्ताह तक जवाब जवाब मांगते हुए कहा कि इस बीच संजय सिंह नियमित जमानत के लिए याचिका दायर कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि यदि यह दायर किया जाता है तो इस पर मेरिट के आधार पर अलग से विचार किया जाएगा।