50 विधायक, 3 सांसद फिर भी नहीं उठा रहे आरक्षण का मुद्दा… नेशनल कॉन्फ्रेंस पर जमकर बरसीं महबूबा मुफ्ती
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जम्मू-कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) पर मेरिट और आरक्षण के मुद्दों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है. महबूबा ने कहा कि एनसी के पास तीन सांसद और 50 विधायक होने के बावजूद इन समस्याओं पर न तो कोई कदम उठाया गया और न ही इनकी आवाज संसद में गूंजी.महबूबा मुफ्ती ने प्रेस से बात करते हुए कहा, ‘मेरिट सबसे बड़ी शिकार बन गई है. छात्र यह सवाल उठा रहे हैं कि वे मेहनत क्यों करें या अपने प्रयासों से खुद को योग्य क्यों बनाएं, जब उनकी मेहनत का परिणाम अवसरों में नहीं बदलता.’ उन्होंने योग्य उम्मीदवारों के लिए घटते अवसरों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह समस्या अभी भी जस की तस बनी हुई है, जबकि चुनावों के दौरान इसे हल करने के वादे किए गए थे.पूर्व मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि लोगों ने संसदीय चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस पर भरोसा जताया था, यह सोचकर कि वे इस समस्या को संसद में उठाएंगे. महबूबा ने कहा, ‘लोगों ने उम्मीद की थी कि एनसी के सांसद संसद में इन मुद्दों पर आवाज उठाएंगे, लेकिन एक साल से अधिक समय बीत चुका है और आज तक किसी सांसद ने मेरिट आधारित उम्मीदवारों के साथ हो रहे अन्याय पर चर्चा तक नहीं की.’महबूबा ने यह भी कहा कि विधानसभा चुनाव में युवाओं ने एनसी को भारी समर्थन दिया था, खासतौर पर इस वादे पर कि आरक्षण प्रणाली को तर्कसंगत बनाया जाएगा और सबके साथ न्याय होगा. उन्होंने कहा, ‘एनसी ने वादा किया था कि किसी के अधिकारों से समझौता नहीं होगा, लेकिन आज हम देख रहे हैं कि योग्य उम्मीदवारों को नजरअंदाज किया जा रहा है.’पीडीपी अध्यक्ष ने एनसी नेता उमर अब्दुल्ला से आग्रह किया कि वे अदालत के फैसलों का इंतजार करने के बजाय खुद इस समस्या का समाधान करें. उन्होंने कहा, ‘आपके पास इस समस्या को हल करने की शक्ति है. इसे अदालत में क्यों डाल रहे हैं? आरक्षण को जनसंख्या के अनुसार तय किया जाना चाहिए ताकि सभी के साथ न्याय हो सके’महबूबा ने मौजूदा स्थिति पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जहां एक समय इस उम्मीद के साथ छात्र स्कूलों में पढ़ाई करते थे, कि उन्हें रोजगार मिलेगा. लेकिन आज यही छात्र निराश हो रहे हैं. यह स्थिति चिंताजनक है और इसे तुरंत सुधारने की जरूरत है. वहीं मुफ्ती ने जोर देकर कहा कि मेरिट और निष्पक्षता को बहाल करने के लिए तत्काल उपाय किए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि छात्रों और योग्य उम्मीदवारों को उनकी मेहनत का फल मिलना चाहिए.

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