पश्चिम बंगाल में शनिवार को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले आधी रात से जारी चुनाव संबंधी हिंसा में 11 लोग मारे गए। भारतीय जनता पार्टी ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि उसके शासन में राज्य लोकतंत्र में हिंसा का एक दुखद उदाहरण बन गया है।
एक वीडियो साझा करते हुए, बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने दावा किया कि “टीएमसी के गुंडे खुलेआम बंदूक लहराते हैं और उत्तर 24 परगना के बैरकपुर में एक स्वतंत्र उम्मीदवार को धमकी देते हैं।”
मालवीय ने ट्वीट में कहा, “सुबह से 9 लोगों की मौत हो चुकी है और कोई नहीं जानता कि दिन में और कितने लोग मरेंगे। इस रक्तपात के लिए राज्य चुनाव आयोग और ममता बनर्जी जिम्मेदार हैं। उन्होंने सीएपीएफ तैनात नहीं किया…”
समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि मारे गए लोगों में छह टीएमसी सदस्य, और भाजपा, सीपीआई (एम), कांग्रेस और आईएसएफ के एक-एक कार्यकर्ता और एक अन्य व्यक्ति शामिल है, जिनका राजनीतिक से ताल्लुक साफ नहीं हो पाया है।
मालवीय ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “यह युद्ध जैसी स्थिति इस बात की याद दिलाती है कि ममता बनर्जी के अधीन बंगाल कितना अराजक है। सम्मान और गरिमा के लिए पश्चिम बंगाल में लोगों का संघर्ष वास्तविक है। जब कोई ऐसी बर्बरता का सामना करता है, तो उसे स्वतंत्रता और लोकतंत्र के वास्तविक मूल्य का एहसास होता है।”
इसी वीडियो को शेयर करते हुए बंगाल बीजेपी प्रमुख सुकांत मजूमदार ने कहा, “दीदी ने केंद्रीय बलों का विरोध इसलिए किया, ताकि उनके गुंडे बूथों पर खुलेआम बंदूक का इस्तेमाल कर सकें.”
हिंसक झड़पों में कई लोगों के घायल होने के अलावा, राज्य के कई हिस्सों में कथित तौर पर मतपेटियां भी नष्ट कर दी गईं। टीएमसी पर निशाना साधते हुए भाजपा प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य कला, संस्कृति और विज्ञान का केंद्र हुआ करता था। अब, यह अपराधों, राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों और खतरनाक तुष्टिकरण के लिए जाना जाता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार अपराधियों को संरक्षण देकर चुनाव के दौरान हिंसा के लिए उनका इस्तेमाल कर रही है। राज्य के ग्रामीण इलाकों की 73,887 सीटों पर सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ, जिसमें 5.67 करोड़ लोगों ने लगभग 2.06 लाख उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा।