हाथरस हादसे में छोटी-मोटी गिरफ़्तारियां स्वयं में एक षडयंत्र,
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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश शासन-प्रशासन ‘हाथरस हादसे’ में छोटी-मोटी गिरफ़्तारियाँ दिखाकर सैकड़ों लोगों की मौत से अपनी ज़िम्मेदारी का पल्ला झाड़ना चाहता है।

यह गिरफ्तारियां स्वयं में एक षडयंत्र हैं। इन गिरफ्तारियों की न्यायिक जांच होनी चाहिए। जिससे उप्र की भाजपा सरकार का खेल जनता के सामने लाया जा सके।अखिलेश यादव ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कहा कि इस तरह के आयोजन में हुई शासनिक-प्रशासनिक विफलता से किसी ने कोई सबक़ नहीं लिया और ऐसी दुर्घटनाएँ भविष्य में भी दोहरायी जाती रहेंगी। शासन-प्रशासन किसी ख़ास मंशा से व्यर्थ में ऐसे लोगों को गिरफ़्तार कर रहा है, जो मूल आयोजन स्थल से दूर थे और गिरफ़्तारी के बाद उनको ही दोषी ठहराये जाने की तैयारी कर रहा है।

सपा प्रमुख ने कहा कि यह निन्दनीय है, अगर भाजपा सरकार ये कहती है कि ऐसे आयोजन से उसका कोई लेना-देना नहीं था, तो फिर भाजपा सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक़ नहीं। इस कार्यक्रम में आये अधिकांश ग़रीब लोग दुखी, शोषित, पीड़ित, वंचित, दमित थे, इस आधार पर इसका मतलब तो ये भी निकलता है कि ऐसे लोगों से भाजपा सरकार का कोई सरोकार नहीं है। जबकि सबसे पहले सरकार का ध्यान ऐसे लोगों की तरफ़ ही जाना चाहिए।अखिलेश यादव ने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि परम्परागत धार्मिक आयोजनों में सरकार को समुचित व्यवस्था करना चाहिए। जिससे किसी तरह की रुकावट या असुविधा न हो सके।

गौरतलब है कि दो जुलाई को सूरज पाल जाटव उर्फ भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 123 लोगों की मौत हो गई थी। इसे लेकर पुलिस ने गिरफ्तारी शुरू की हैं। पुलिस प्रशासन ने घटना के लिए भोले बाबा के सेवादारों को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बाबा का नाम एफआईआर में नहीं होने पर सवाल उठ रहा है। उनसे पूछताछ की भी अभी तक कोई कोशिश नहीं की गई है।

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