पंजाब के शंभू बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन 2.0 के करीब 297 दिन हो चुके हैं. अब 6 दिसंबर को किसान एक बार फिर से दिल्ली जाने की जिद पर अड़ गए हैं. हालांकि, इस बार किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार और अदालतों को उनके ट्रैक्टर ट्रॉलियों के साथ आगे बढ़ने पर आपत्ति है तो पैदल ही अपने साथ जरूरी सामान लेकर आगे दिल्ली की ओर बढ़ेंगे.
हालांकि, हरियाणा सरकार ने किसानों को साफ कर दिया है कि उनके पास दिल्ली में जाकर धरना करने की पुलिस की तरफ से परमिशन नहीं है. ऐसे में उन्हें हरियाणा में भी दाखिल नहीं होने दिया जाएगा. साथ ही शंभू बॉर्डर पर दिल्ली-जालंधर नेशनल हाईवे को ब्लॉक करके हरियाणा पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्सेज के जवान पक्का नाका लगाकर बैठे हैं. वहां, पर भी सुरक्षा बढ़ाई गई है और वॉटर कैनन के साथ ही जवानों की संख्या बढ़ाकर पंजाब से हरियाणा की ओर आने वाले किसानों को रोकने की तैयारी पुख्ता कर ली गई है.
कानून-व्यवस्था हाथ में नहीं लेंगे
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा है कि 6 दिसंबर की सुबह से किसानों के अलग-अलग जत्थे दिल्ली की ओर आगे उसी रास्ते से बढ़ेंगे जहां, पर हरियाणा पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्सेज के जवान रास्ता ब्लॉक करके बैठे हुए हैं. अगर फोर्सेज की तरफ से किसी भी तरह का बल प्रयोग किया जाता है तो किसान उसे सहेंगे. उन्होंने कहा कि किसानों की ओर से ना तो कोई बल प्रयोग होगा और ना ही कानून-व्यवस्था को अपने हाथों में लिया जाएगा. सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसानों के पहले जत्थे में कई किसान नेता होंगे.
इससे पहले किसान जत्थे को मरजीवड़ा यानी मरने के लिए तैयार किसानों का जत्था कहा जाएगा. ये खुद को फोर्सेज के सामने समर्पित कर देगा. लेकिन, दिल्ली की ओर आगे बढ़ने का प्रयास जरूर करेगा. सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हरियाणा पुलिस उन्हें बेवजह ही रोकने की बात कर रही है, क्योंकि उन्हें दिल्ली जाकर ही धरना करना है. ऐसे में अगर उन्हें रोकना है तो दिल्ली पुलिस उन्हें रोक सकती है. सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि जो किसान किसानों के मरजीवड़ा जत्थे में आगे बढ़ेंगे उनसे एक फॉर्म भी भरवाया जा रहा है जिसमें, सीधे तौर पर उन्हें बताया जा रहा है कि मरने को समर्पित इस जत्थे से में क्या हो सकता है और इसे लेकर उनकी सहमति ली जा रही है?
टिक-टैक किसान नेता सरवन सिंह पंधेर
6 दिसंबर को किसानों के प्रस्तावित पैदल दिल्ली मार्च को लेकर हरियाणा पुलिस हाई अलर्ट पर है और किसानों को हरियाणा में दाखिल होने से रोकने की पूरी तैयारी की गई है. ऐसे में अब देखना होगा कि जो किसान दिल्ली जाने की जिद पर पड़े हैं वो किस तरह से हरियाणा में दाखिल होकर दिल्ली पहुंचने में कामयाब हो पाते हैं.