फिलिस्तीन के गाजा पट्टी पर नियंत्रण रखने वाले कट्टरपंथी समूह हमास को लेकर बवाल मच गया। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने शुक्रवार को इस बात से इनकार किया कि उन्होंने हमास को भारत में आतंकवादी संगठन घोषित करने से संबंधित किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए हैं।
लेखी की प्रतिक्रिया सोशल मीडिया यूजर्स और पत्रकारों द्वारा लोकसभा वेबसाइट पर उपलब्ध एक संसदीय प्रश्न के उत्तर से जुड़ा दस्तावेज साझा करने के बाद आई है।
दरअसल संसद में कथित तौर पर एक सवाल पूछा गया था कि क्या भारत हमास को एक आतंकवादी समूह घोषित करने की योजना बना रहा है। केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा है कि उन्होंने संसद में ऐसे किसी भी सवाल से जुड़े दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। मीनाक्षी लेखी इस बात से नाराज हैं और यह पता लगाने के लिए आंतरिक जांच हो सकती है कि इस जवाब को कैसे मंजूरी दे दी गई।
वायरल दस्तावेज में, कांग्रेस सांसद के सुधाकरन ने पूछा था कि क्या केंद्र सरकार के पास हमास को भारत में आतंकवादी संगठन घोषित करने का कोई प्रस्ताव है और क्या इजरायल ने नई दिल्ली के समक्ष ऐसी कोई मांग उठाई है। इसके जवाब में कथित तौर पर विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा, “किसी संगठन को आतंकवादी घोषित करना गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के अंतर्गत आता है और किसी भी संगठन को आतंकवादी घोषित करने पर संबंधित सरकारी विभागों द्वारा अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार विचार किया जाता है।” यह दस्तावेज लोकसभा और विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
अब विदेश राज्य मंत्री ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर एक पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए इससे इनकार किया है। उन्होंने लिखा, “आपको गलत जानकारी दी गई है क्योंकि मैंने इस सवाल और इस जवाब वाले किसी भी पेपर पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।’ इसके साथ उन्होंने विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और पीएमओ इंडिया को भी टैग किया। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने जांच की बात कही और कहा कि जल्द ही दोषी का खुलासा किया जाएगा।