मालदीव और भारत के बीच जारी तनाव और बढ़ने की आशंका है। मालदीव ने आरोप लगाया है कि भारतीय तटरक्षक पिछले दिनों मालदीव के तीन मछली पकड़ने वाले जहाजों पर चढ़ गए।
अब मालदीव सरकार ने भारत सरकार से इस बारे में और व्यापक जानकारी मांगी है कि आखिर भारतीय कोस्टगार्ड्स मालदीव के जहाजों पर क्यों चढ़े। पिछले साल हुए मालदीव में चुनाव के बाद से ही भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास आ गई है। मालदीव भारतीय सेना को वहां से वापस जाने के लिए अल्टीमेटम भी दे चुका है। भारत से रिश्ते बिगड़ने के बीच मालदीव चीन के करीब जा रहा है और यहां तक कि पिछले दिनों मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने चीन का दौरा करते हुए राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात भी की थी। उसके बाद से ही मालदीव के तेवर बदल गए हैं और भारत को आंखें दिखाने तक की हिमाकत कर रहा है।
हालांकि, मालदीव के इन आरोपों पर भारत सरकार की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। मालदीव के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में दावा किया कि 31 जनवरी को, भारतीय तटरक्षकों ने मालदीव के विशेष आर्थिक क्षेत्र के भीतर मछली पकड़ने की गतिविधियों में लगी मालदीव की मछली पकड़ने वाली नाव को रोक लिया। आरोप लगाया गया कि संबंधित अधिकारियों से पूर्व परामर्श के बिना मालदीव के विशेष आर्थिक क्षेत्र के भीतर मछली पकड़ने वाली तीन नौकाओं पर सवार हो गए, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानूनों और नियमों का उल्लंघन हुआ।
इसके बाद मालदीव सरकार ने विदेश मंत्रालय के माध्यम से एक आधिकारिक अनुरोध शुरू किया है, जिसमें भारत सरकार से घटना का व्यापक विवरण मांगा गया है। बयान में कहा गया कि भारतीय तटरक्षक जहाज 246 और भारतीय तटरक्षक जहाज 253 की बोर्डिंग टीमें मछली पकड़ने वाली नौकाओं से पूछताछ के लिए जिम्मेदार थीं। 45 वर्षीय मुइज्जू ने पिछले साल सितंबर में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को हराया था। राष्ट्रपति बनने के बाद मुइज्जू ने औपचारिक रूप से भारत से 15 मार्च तक अपने देश से 88 सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने का अनुरोध किया और कहा कि मालदीव के लोगों ने उन्हें नई दिल्ली से यह अनुरोध करने के लिए मजबूत जनादेश दिया है।
मालदीव से विवाद के बीच पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा किया था और वहां की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की थीं। इसके बाद मालदीव के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक बयान दिया था, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया। बाद में तीनों को मालदीव सरकार ने सस्पेंड कर दिया। भारत ने शुक्रवार को कहा कि मालदीव में भारतीय विमानन प्लेटफार्मों के संचालन को जारी रखने के लिए मालदीव के साथ पारस्परिक रूप से व्यावहारिक समाधानों के एक सेट पर सहमति हुई है। वर्तमान में, लगभग 80 भारतीय सैन्यकर्मी मुख्य रूप से दो हेलीकॉप्टर और एक विमान संचालित करने के लिए मालदीव में हैं, जिन्होंने सैकड़ों चिकित्सा निकासी और मानवीय मिशनों को अंजाम दिया है। भारत पिछले कुछ वर्षों से मालदीव के लोगों को मानवीय और चिकित्सा निकासी सेवाएं प्रदान कर रहा है।। नई दिल्ली में उच्च स्तरीय बैठक के बाद, मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत 10 मई तक मालदीव में तीन विमानन प्लेटफार्मों का संचालन करने वाले अपने सैन्य कर्मियों को बदल देगा और प्रक्रिया का पहला चरण 10 मार्च तक पूरा हो जाएगा।