कनाडा में रहने वाले पाकिस्तानी मूल के जाने-माने स्तंभकार और लेखक तारिक फतह का 73 साल की उम्र में निधन हो गया। उनकी बेटी नताशा फतह ने सोमवार को इसकी पुष्टि की। वह कैंसर से पीड़ित थे।
लंबी बीमारी के बाद आज उनका निधन हो गया।
तारक की बेटी नताशा फतेह ने अपने पिता तारिक फतेह की कई तस्वीरें ट्विटर पर शेयर कीं हैं। नताशा ने फोटो शेयर करते हुए लिखा, “पंजाब का शेर, हिन्दुस्तान का बेटा, कनाडा से प्यार करने वाला, सच्चा वक्ता, न्याय के लिए लड़ने वाला और दलितों और शोषितों की आवाज तारिक फतेह का निधन।
नताशा ने आगे लिखा कि, उनकी क्रांति उन लोगों के जरिए बनी रहेगी, जो उन्हें जानते थे और प्यार करते थे। इससे पहले 21 अप्रैल को कई रिपोर्ट्स में तारिक फतह की मौत का दावा किया गया था। जिसकी बाद में फर्जी होने की पुष्टि हुई थी।
तारिक इस्लाम और आतंकवाद पर अपने प्रगतिशील विचारों के लिए जाने जाते थे। पाकिस्तान के खिलाफ उग्र रुख रखने वाले तारिक फतह ने अक्सर भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को अपना समर्थन देते नजर आते रहे हैं। फतह का जन्म 1949 में पाकिस्तान में हुआ था। बाद में 1980 के दशक की शुरुआत में वह कनाडा चले गए।
तारिक फतेह कई भाषाओं के जानकार थे। उनकी हिंदी, इंग्लिश, उर्दू, पंजाबी और अरबी जैसी भाषाओं पर समान पकड़ थी। तारिक फतेह को ह्यूमन राइट्स ऐक्टिविस्ट के तौर पर भी जाना जाता था।