सीबीआई कोर्ट ने शनिवार को अहमदाबाद के नरोदा रोड स्थित स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर और 14 अन्य को जेल की सजा सुनाई है. इलाहाबाद सीबीआई कोर्ट ने शाखा प्रबंधक समेत 15 आरोपियों को 3-5 साल के कठोर कारावास और 1000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है. साथ ही बैंक धोखाधड़ी मामले के तहत कुल 15.35 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. सीबीआई ने 11 सितंबर, 2001 को आरोपियों के खिलाफ तत्काल मामला दर्ज किया था.इसमें आरोप लगाया कि अहमदाबाद के नरोदा रोड स्थित स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर बीजे जाला ने अन्य सभी आरोपियों के साथ एक आपराधिक साजिश रची थी. व्यक्तियों और अन्य लोगों के खिलाफ सार्वजनिक आवास वित्त के मामले में एक लोक सेवक के रूप में अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया. जाली और झूठे आधार पर 1.62 करोड़ रुपए के होम लोन को मंजूरी देकर धोखा दिया.सीबीआई मामलों के विशेष जज कोर्ट नंबर 01 इलाहाबाद ने स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र अहमदाबाद के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर बेचरभाई गणेशभाई जाला और 14 निजी व्यक्तियों समेत 15 आरोपियों को सजा सुनाई है. इसमें मुकेश नटवर ब्रह्मभट्ट, अमित अजीत व्यास, राजेंद्र नटवरलाल ब्रह्मभट्ट, चेतन जगदीश भट्ट, करण विक्रम महिदा, राजेश अरविंद पटेल, महेश मुरलीधर सबनानी, चिन्मय गिरीशचंद्र त्रिवेदी, जयेश श्यामलाल असवानी, रजनीकांत छोटेलाल उपाध्याय, नीलेश सुरेशचंद्र शाह, विमल के मेहता और हेमेंद्र एल शाह के नाम शामिल हैं.कई उधारकर्ताओं की ओर से दिए गए दस्तावेजों ने बीजी जाला पर आरोप लगाया. यह पाया गया कि उन्होंने अहमदाबाद के तत्कालीन शाखा प्रबंधक के रूप में, आपराधिक साजिश के तहत धोखाधड़ी और बेईमानी से उक्त उधारकर्ताओं की लोन पात्रता की पुष्टि नहीं की. उन्होंने एक लोक सेवक के रूप में अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करके उधारकर्ताओं को होम लोन स्वीकृत किया.जांच पूरी होने के बाद, सीबीआई ने दोषी लोगों सहित आरोपियों के खिलाफ 9 अलग-अलग आरोप पत्र दायर किए. 9 विशेष मामलों में से 5 में फैसला सुनाया जा चुका है. इनमें से 9 आरोपियों के खिलाफ आरोप हटा दिए गए क्योंकि उनकी सजा मुकदमे के दौरान ही समाप्त हो गई थी. वहीं, सुनवाई के बाद अदालत ने उपरोक्त 15 आरोपियों को दोषी पाया और उन्हें सजा सुनाई.