सुखबीर संधू और ज्ञानेश कुमार बने चुनाव आयुक्त, पैनल में रहे अधीर ने उठाए सवाल
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पूर्व नौकरशाह सुखबीर संधू और ज्ञानेश कुमार को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है। सरकार से पहले लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार दोपहर मीडिया को यह जानकारी दी।बता दें कि अधीर रंजन चौधरी भी निर्वाचन आयुक्त के चयन से संबंधित समिति का हिस्सा हैं। बैठक के बाद समिति के सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि समिति के समक्ष छह नाम रखे गए थे जिनमें से इन दो नामों पर मुहर लगाई गई। चौधरी ने कहा, ‘‘चयन समिति ने छह नाम प्रस्तुत किए थे। इनमें उत्पल कुमार सिंह, प्रदीप कुमार त्रिपाठी, ज्ञानेश कुमार, इंदीवर पांडे, सुखबीर सिंह संधु और गंगाधर राहत के नाम शामिल थे। ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधु का चयन निर्वाचन आयुक्त के रूप में किया गया है।’’ एक बार नियुक्तियां अधिसूचित हो जाने के बाद नए कानून के तहत की जाने वाली ये पहली नियुक्तियां होंगी।बैठक में प्रधानमंत्री और अधीर रंजन चौधरी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए। कांग्रेस नेता ने चयन समिति में भारत के मुख्य न्यायाधीश की जगह एक केंद्रीय मंत्री को शामिल करने वाले कानून को लेकर केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ”भारत के मुख्य न्यायाधीश को इस समिति में होना चाहिए था।” उन्होंने कहा कि पिछले साल लाए गए कानून ने बैठक को महज एक ”औपचारिकता” तक सीमित कर दिया है। पैनल में सरकार बहुमत में है। वे जो चाहते हैं वही होता है।”

कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें कल रात जांच के लिए 212 नाम दिए गए थे। उन्होंने कहा, “मैं कल रात दिल्ली पहुंचा और बैठक आज दोपहर को थी। मुझे 212 नाम दिए गए थे। कोई एक दिन में इतने सारे उम्मीदवारों की जांच कैसे कर सकता है? फिर, मुझे बैठक से पहले 6 शॉर्टलिस्ट किए गए नाम दिए गए। बहुमत उनके साथ है, इसलिए उन्होंने वही उम्मीदवार चुना जो वे चाहते थे।”इससे पहले दिन में निर्वाचन आयोग के दो नए चुनाव आयुक्तों के चयन के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक हुई। यह बैठक पहले 15 मार्च को शाम 6 बजे होनी थी। निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय की पिछले महीने सेवानिवृत्ति और अरुण गोयल के शुक्रवार को अचानक इस्तीफे से निर्वाचन आयुक्तों के दो पद रिक्त हो गए थे। अब एसएस संधू और ज्ञानेश कुमार की बतौर निर्वाचन आयुक्तों के तौर पर नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी।निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की संभावित घोषणा से कुछ दिन पहले ही अरुण गोयल ने शुक्रवार को निर्वाचन आयुक्त के पद से इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया और कानून मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी करके इसकी घोषणा की। इससे मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार निर्वाचन आयोग में एकमात्र सदस्य रह गए थे।इससे पहले, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की अध्यक्षता में गठित सर्च कमेटी ने इन रिक्तियों को भरने के लिए बुधवार को छह उम्मीदवारों की एक सूची तैयार की थी। कानून तीन-सदस्यीय चयन समिति को ऐसे व्यक्ति को नियुक्त करने की शक्ति भी देता है जिसे चयन समिति ने ‘शॉर्टलिस्ट’ नहीं किया है।

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