सिलक्यारा हादसे ने खोली आंखें, पूरे देश में बन रहीं 29 सुरंगों का होगा सुरक्षा ऑडिट
Sharing Is Caring:

उत्तराखंड के सिलक्यारा में हुए हादसे के बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) अलर्ट पर है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण सुरक्षा और उच्चतम गुणवत्ता मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिए देश भर में सभी 29 निर्माणाधीन सुरंगों का सुरक्षा ऑडिट करेगा।

एक आधिकारिक बयान में बुधवार को यह जानकारी दी गई।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का बयान 12 नवंबर को उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढहने की पृष्ठभूमि में आया है। बयान में कहा गया है, ‘‘एनएचएआई के अधिकारी, दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के विशेषज्ञों की एक टीम अन्य सुरंग विशेषज्ञों के साथ देश में जारी सुरंग परियोजनाओं का निरीक्षण करेगी और सात दिन के भीतर एक रिपोर्ट सौंपेंगी।’’

लगभग 79 किलोमीटर की कुल लंबाई के साथ, 29 निर्माणाधीन सुरंगें पूरे देश में फैली हुई हैं। इनमें से 12 सुरंग हिमाचल प्रदेश में, छह जम्मू और कश्मीर में हैं जबकि महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान में दो-दो और मध्य प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और दिल्ली में एक-एक सुरंग हैं। एनएचएआई ने सुरंग निर्माण के संबंध में कोंकण रेलवे निगम लिमिटेड (केआरसीएल) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किये थे।

बता दें कि उत्तरकाशी जिले में चारधाम यात्रा मार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिससे श्रमिक फंस गए थे। उन्हें निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है। निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बहु-एजेंसी प्रयास बुधवार शाम को सफलता के करीब दिखाई दिया। इसके मद्देनजर एम्बुलेंस को तैयार रखा गया है और चिकित्सकों को घटनास्थल पर बुला लिया गया है।

सिलक्यारा के अधिकारियों ने शाम करीब चार बजे एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सुरंग के ढह गए हिस्से के मलबे में ऑगर मशीन से ड्रिलिंग करके क्षैतिज पाइप का छह मीटर का एक और हिस्सा डाल दिया गया है। पहले दिन में दिए गए आंकड़े से यह संकेत मिलता है कि सुंरग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए मलबे के अनुमानित 57 मीटर के हिस्से में से 45 मीटर तक पाइप डाला जा चुका है। इसी 57 मीटर मलबे के आगे श्रमिक 10 दिनों से अधिक समय से फंसे हुए हैं।

Sharing Is Caring:

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version