भयानक आपदा का सामना कर रहे पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम में बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई। तीस्ता नदी के पानी में आए तेज बहाव के चलते सेना के कम से कम 23 जवान समेत 43 नागरिक लापता हैं।
सेना और स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि लापता लोगों का पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी शुरू की गई है। हादसे में मरे पांच लोगों के शब बरामद हुए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी सिक्किम में आए इस आपदा को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
पीटीआई की रिपोर्ट की मानें तो स्थानीय प्रशासन के सूत्रों के मुताबिक, कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है। न्यूज एसेंसी ने मजिस्ट्रेट महेंद्र छेत्री के हवाले से बताया कि गोलिटर और सिंगतम क्षेत्रों से पांच नागरिकों के शव बरामद किए गए। इस घटना के कारण सिक्किम का चुंगथम इलाका पूरी तरह से अलग-थलग पड़ गया है।
सेना की पूर्वी कमान ने कहा कि भारी बारिश के कारण उत्तरी सिक्किम की लाचेन घाटी में खारी झील ओवरफ्लो हो गई। चुंगथम बांध टूटने से बड़ी मात्रा में पानी तीस्ता नदी में बहता चला गया। परिणामस्वरूप, तीस्ता का जल स्तर लगभग 15 से 20 फीट बढ़ गया। तीस्ता ने पहाड़ी सिक्किम में दोनों किनारों को पार करके कहर बरपाना शुरू कर दिया। सिंगताम में जलभराव के कारण सेना का एक कैंप क्षतिग्रस्त हो गया है। मालूम हो कि कम से कम 23 सैनिक लापता हैं। शिविर में लगभग सब कुछ बह गया है। सेना के वाहनों समेत पूरा कैंप पानी में डूब गया। युद्ध स्तर पर ऑपरेशन में बचाव कार्य शुरू हो गया है। बता दें सिंगताम के पास बारदांग में एक सैन्य शिविर था।
घटना की खबर मिलने के बाद बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर आपदा पर अफसोस जाहिर किया है। सिक्किम के चुंगथम में झील के फटने से तीस्ता का जल स्तर बढ़ने का असर तीस्ता पर बने कई बैराजों पर पड़ना शुरू हो गया है। प्रशासन को आशंका है कि जलस्तर 25 से 26 मीटर तक बढ़ सकता है। गजलडोबा बैराज, डोमहानी, मेखलीगंज, हल्दीबाड़ी, जलपाईगुड़ी शहर तीस्ता के मार्ग के दोनों किनारों पर पड़ते हैं। ऐसी आशंका है कि तीस्ता का जलस्तर बढ़ने से उन सभी इलाकों में बाढ़ आ सकती है। बांग्लादेश का एक बड़ा इलाका भी प्रभावित हो सकता है।
प्रशासन के सूत्रों के अनुसार, सिंघथम में तीस्ता पर एक पैदल पुल था, नदी का जलस्तर बढ़ने से पुल ढह गया। इसके अलावा सिक्किम की पूरी लाचेन घाटी तीस्ता से प्रभावित हुई है। कई घर बह गए। कई लोगों के लापता होने की भी आशंका है।
मूल रूप से तीस्ता ग्लेशियर से नदी पोषित होती है। हालांकि, मानसून के दौरान वर्षा का पानी भी इसमें मिल जाता है। स्वाभाविक रूप से, तीस्ता मानसून में भयानक दिखती है। इस बीच भारी बारिश के कारण उत्तर बंगाल की प्रमुख नदी का पानी उफान पर है। सिक्किम में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। जलपाईगुड़ी जिला प्रशासन ने पहले ही नदी के किनारे के इलाकों से लोगों को निकालना शुरू कर दिया है। सिक्किम राज्य प्रशासन ने लोगों को तीस्ता नदी से दूर रहने की सलाह दी है।