सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पूंजीगत खर्च बढ़ाकर 11.21 लाख करोड़ रुपये किया
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को पेश किए बजट 2025-26 में बड़ी टिकट साइज के इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स जैसे हाइवे, पोर्ट्स, रेलवे और पावर सेक्टर के लिए 11.21 लाख करोड़ रुपये का बजट आंवटित किया गया है। इसमें वित्त वर्ष 2024-25 के 10.18 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 10.2 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।यह आंकड़ा 2024-25 के बजट अनुमान 11.11 लाख करोड़ रुपये से मामूली 0.9 प्रतिशत अधिक है, जो 2023-24 के पूंजीगत व्यय की तुलना में काफी अधिक था। लोकसभा चुनाव और उसके बाद महाराष्ट्र सहित कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव के कारण चालू वित्त वर्ष के दौरान 11.11 लाख करोड़ रुपये की पूरी राशि खर्च नहीं की जा सकी।
वित्त मंत्री सीतारमण ने इस वित्त वर्ष के लिए पूंजीगत व्यय लक्ष्य को 11.11 लाख करोड़ रुपये से घटाकर 10.18 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा।वरिष्ठ अधिकारी की ओर से कहा गया कि विकास को गति देने के लिए पूंजीगत व्यय मजबूत स्तर पर बना हुआ है और इसे उच्च आधार की तुलना में देखा जाना चाहिए।उन्होंने आगे बताया कि सरकार द्वारा राजकोषीय समेकन के लिए प्रतिबद्धता दिखाई गई है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को 2024-25 में 4.8 प्रतिशत से घटाकर सकल घरेलू उत्पाद का 4.4 प्रतिशत करने के बावजूद पूंजीगत व्यय बढ़ाया गया है।सरकार लगातार उच्च पूंजीगत व्यय स्तर बनाए रख रही है क्योंकि बड़ी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में निवेश से आर्थिक विकास दर बढ़ती है और अर्थव्यवस्था में अधिक नौकरियां और आय पैदा करने पर कई गुना प्रभाव पड़ता है।
आईआईएम बेंगलुरु के एक अध्ययन के अनुसार, भारत के राजमार्ग क्षेत्र में किए गए निवेश से अर्थव्यवस्था में अधिक नौकरियों और आय के सृजन के परिणामस्वरूप गुणक प्रभाव के कारण देश की जीडीपी में 3 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है।रिपोर्ट में कहा गया कि राजमार्गों के निर्माण पर खर्च किए गए एक यूनिट से देश के सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) में 3.21 यूनिट का इजाफा हुआ है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने 2023-24 में राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण पर रिकॉर्ड 2.07 लाख करोड़ रुपये खर्च किए, जो 2022-23 में खर्च किए गए 1.73 लाख करोड़ रुपये और 2021-22 में 1.72 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है।2025-26 के बजट में राजमार्गों के लिए 2.72 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क की लंबाई पिछले 10 वर्षों में 60 प्रतिशत बढ़ गई है, जो 2014 में 91,287 किमी से बढ़कर 2024 में 146,195 किमी हो गई है, जिससे यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क बन गया है।

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