सीएम योगी ने शुक्रवार को कहा कि ‘सेफ सिटी परियोजना’ को सफलता जनसहयोग से ही मिलेगी। ‘सेफ सिटी परियोजना’ की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, चौक-चौराहों, सरकारी व निजी अस्पतालों, शिक्षण संस्थानों में अनिवार्य रूप से सीसीटीवी लगाए जाएं।
आम जन, व्यापारियों, संस्थान संचालकों को जागरूक कर उन्हें क्राइम कंट्रोल में सीसीटीवी के महत्व को बताया जाए और सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए प्रेरित करें। इस प्रकार उत्तर प्रदेश सर्वाधिक सेफ सिटी वाला देश पहला राज्य हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि लोग अपनी सुविधानुसार अपने सीसीटीवी फुटेज का डेटा अपने पास ही सुरक्षित रख सकते हैं, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आवश्यकता पड़ने पर फुटेज केवल पुलिस को ही उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा जहां आवश्यकता हो, वहां नगर निगम, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट अथवा स्थानीय प्रशासन व पुलिस द्वारा सीसीटीवी लगाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने अगले एक सप्ताह के भीतर सभी पुलिस थानों को सीसीटीवी से लैस करने के निर्देश भी दिए हैं।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन सुनिश्चति करने के संकल्प की पूर्ति में ‘सेफ सिटी परियोजना’ अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही है। प्रदेश में इस परियोजना के माध्यम से लखनऊ पुलिस कमश्निरेट के अंतर्गत मॉडर्न कंट्रोल रूम, पिंक पुलिस बूथ, आशा ज्योति केंद्र, सीसीटीवी कैमरे, महिला थानों में परामर्शदाताओं के लिए हेल्प डेस्क, बसों में पैनिक बटन व अन्य सुरक्षा उपायों को लागू करने में सहायता मिली है। अब हमें इसे और विस्तार देना होगा।
उन्होंने कहा कि अंतर्विभागीय समन्वय के साथ कन्वर्जेंस के माध्यम से वित्तिय प्रबंधन करते हुए प्रथम चरण में सभी 17 नगर निगमों और गौतमबुद्ध नगर को ‘सेफ सिटी’ के रूप में विकसित किया जाना है। जबकि दूसरे चरण में 57 जनपद मुख्यालयों की नगर पालिकाओं और फिर तीसरे चरण में 143 नगर पालिकाओं को सेफ सिटी परियोजना से जोड़ा जाए। ऐसे सभी नगरों के प्रवेश द्वार पर ‘सेफ सिटी’ का बोर्ड लगाकर इसकी विशिष्ट ब्रांडिंग भी की जानी चाहिए।