समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां को रामपुर की विशेष ‘एमपी-एमएलए’ अदालत ने डूंगरपुर बस्ती प्रकरण से जुड़े एक मामले में सोमवार को राहत देते हुए बरी कर दिया।आजम खां के वकील जुबेर अहमद खान ने बताया कि विशेष ‘एमपी-एमएलए’ सत्र न्यायालय के न्यायाधीश डॉक्टर विजय कुमार ने पूर्व मंत्री के साथ ही पांच अन्य आरोपियों को भी बरी कर दिया है। इस मामले में उन पर साजिश रचने का आरोप था।जुबैर अहमद खान बताया कि अदालत ने आजम खां के अलावा उनके करीबी रह चुके फसाहत अली खां शानू, इमरान, इकराम, शावेज खां और ठेकेदार बरकत अली को भी साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है।उन्होंने बताया कि सपा सरकार में 2016 में गंज कोतवाली स्थित डूंगरपुर में घरों को खाली कराया गया था। 2019 में डूंगरपुर के पीड़ितों ने गंज कोतवाली में 12 मुकदमे दर्ज कराए। आरोप लगाया गया कि तत्कालीन कैबिनेट मंत्री मो. आजम खां के इशारे पर उनके लोगों ने जबरन घर खाली कराए। चार मुकदमों में फैसला आ चुका है। दो मामलों में आजम खां बरी हो चुके हैं, जबकि दो में उन्हें सजा सुनायी गयी है। आजम खां विभिन्न मामलों में फिलहाल सीतापुर जेल में बंद हैं।
अब्दुल्ला के दो पैनकार्ड मामले में इंस्पेक्टर से जिरह
सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के दो पैन कार्ड मामले में 6 जून को एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें आजम खां के वकील ने इंस्पेक्टर ऋषिपाल सिंह से जिरह की। केस में अगली सुनवाई 26 जून को होगी। वहीं, जौहर विश्वविद्यालय के लिए किसानों की जमीनें कब्जाने के अजीमनगर थाने में दर्ज केस में भी गुरुवार को एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में आरोपी आजम खां के अधिवक्ता ने जिरह की।