लोकसभा ने गुरुवार को तीन और सांसदों को सदन से निलंबित कर दिया है। इस तरह संसद से अब तक कुल 146 सांसद दोनों सदनों से निलंबित किए जा चुके हैं। जिन तीन सांसदों को गुरुवार को लोकसभा से निलंबित किया गया उनमें नकुलनाथ, डीके सुरेश और दीपक बैज शामिल हैं।
लोकसभा द्वारा मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक, 2023 पारित होने के तुरंत बाद इन तीनों सांसदों पर एक्शन लेते हुए, सदन से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई सरकार के खिलाफ संसद से विजय चौक तक मार्च निकालने के कुछ घंटों बाद हुई।
विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के अंदर सुरक्षा उल्लंघन के मुद्दे पर नहीं बोलकर संसदीय विशेषाधिकार का उल्लंघन किया है। सांसदों के निलंबन और विपक्ष की अनुपस्थिति में महत्वपूर्ण विधेयकों के पारित होने पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि सरकार सदन में विपक्ष को नहीं चाहती।
कार्ति चिदंबरम ने कहा, “यह क्रिकेट मैच में बिना किसी क्षेत्ररक्षक (फिल्डर) के बल्लेबाजी करने जैसा है। वे बहुत दूरगामी कानून ला रहे हैं जिसका इस देश के दैनिक जीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा लेकिन वे इसके बारे में कोई चर्चा, बहस या असहमति नहीं चाहते हैं।” पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, ‘विपक्षी सांसदों को निलंबित’, ‘संसद बंदी’ और ‘लोकतंत्र बचाओ’ जैसे बैनर और तख्तियां लेकर सांसदों ने मार्च निकाला।
निलंबित किए गए सांसदों को पूरे शीतकालीन सत्र की कार्यवाही में हिस्सा लेने से वंचित कर दिया गया है। जिन 146 सांसदों को निलंबित किया गया है उनमें सुप्रिया सुले, मनीष तिवारी, शशि थरूर, मोहम्मद फैसल, कार्ति चिदंबरम, सुदीप बंधोपाध्याय, डिंपल यादव और दानिश अली सहित कई विपक्षी सांसद शामिल हैं।