संसद की सुरक्षा को लेकर बड़े बदलाव की तैयारी है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय ऐसे पैनल का गठन कर रहा है जो बताएगा कि क्या CISF जवानों को पूरी जिम्मेदारी सौंप दी जाए।
इसमें सुरक्षा व्यवस्था के प्रबंधन से लेकर पास जारी करने तक का काम देखा जाएगा। फिलहाल ये जिम्मेदारियां पार्लियामेंट सिक्योरिटी सर्विस को सौंपी गई हैं, जो लगभग एक शताब्दी पुरानी वॉच एंड वार्ड कमेटी के तहत कार्य करती है।
पिछले महीने, दिल्ली पुलिस के 150 कर्मियों की जगह सीआईएसएफ को लगाया गया था, जिन्हें पार्लियामेंट सिक्योरिटी सर्विस के साथ तैनात किया जाता रहा। यह बदलाव 13 दिसंबर को हुए सुरक्षा उल्लंघन को देखते हुए किया गया। इस दौरान कुछ लोग संसद भवन में घुसने और स्मोक कैन फेंकने में कामयाब रहे थे। ऐसे गंभीर मामलों को देखने के बाद अब इस बात पर विचार किया जा रहा है कि क्या CISF पूरी तरह से सुरक्षा का जिम्मा ले सकती है। एक सूत्र ने बताया कि पार्लियामेंट सिक्योरिटी सर्विस की ताकत वैसे भी कम हो चुकी है, क्योंकि पिछले कई सालों से इसमें कोई नई भर्ती नहीं हुई है।
संसद भवन परिसर का फिर से सर्वे करने की जरूरत
गृह मंत्रालय की ओर से संसद सुरक्षा को लेकर बीते 3 मई को आदेश जारी किया गया। इसमें कहा गया, ‘सीआईएसएफ के अतिरिक्त कर्मियों को तैनात करने के लिए संसद भवन परिसर का फिर से सर्वे करना होगा। इसके लिए ज्वाइंट सर्व टीम गठित करने का निर्णय लिया गया है। गृह मंत्रालय के कुछ अधिकारियों ने इसकी मंजूरी भी दी थी।’ साथ ही, CISF के डीआईजी अजय कुमार से संयुक्त सर्वेक्षण दल के अन्य सदस्यों के साथ चर्चा करने और जल्द से जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है। रिपोर्ट आ जाने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। कहा जा रहा है कि रिपोर्ट तैयार करते वक्त विस्तार से चर्चा होगी और सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।