संगीतकार टीएम कृष्णा को SC से बड़ा झटका, एमएस सुब्बुलक्ष्मी पुरस्कार दिए जाने पर लगाई रोक
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कर्नाटक के संगीतकार टीएम कृष्णा को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कर्नाटक के संगीतकार टीएम कृष्णा को प्रतिष्ठित संगीत कलानिधि एमएस सुब्बुलक्ष्मी पुरस्कार दिए जाने के मामले में शीर्ष अदालत ने अपना फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि आगे की जांच तक टीएम कृष्णा को एमएस सुब्बुलक्ष्मी पुरस्कार के प्राप्तकर्ता के रूप में मान्यता नहीं दी जानी चाहिए.सुप्रीम कोर्ट ने कृष्णा को इस पुरस्कार के प्राप्तकर्ता के रूप में खुद को पेश करने से रोक दिया है. कोर्ट ने एमएस सुब्बुलक्ष्मी के पोते वी श्रीनिवासन की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में गायक टीएम कृष्णा, म्यूजिक एकेडमी को नोटिस जारी किया. आरोप है कि संगीतकार टीएम कृष्णा ने कथित तौर पर सुब्बुलक्ष्मी को बदनाम करने वाले लेख लिखे थे.
टीएम कृष्णा को कल ही मिला था पुरस्कार
कर्नाटक के संगीतकार टीएम कृष्णा को कल प्रतिष्ठित संगीत कलानिधि एमएस सुब्बुलक्ष्मी पुरस्कार मिला. वहीं, आज कोर्ट ने टीएम कृष्णा को पुरस्कार के प्राप्तकर्ता के रूप में मान्यता देने से इनकार कर दिया. याचिका में कृष्णा पर दिवंगत गायिका के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है. वहीं, कोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई 6 हफ्ते बाद करेगा.2005 से यह संगीत कलानिधि पुरस्कार द हिंदू समाचार पत्र समूह द्वारा दिया जाता है. इस साल टीएम कृष्णा को प्रतिष्ठित संगीत कलानिधि पुरस्कार के लिए चुना गया था. वहीं, श्रीनिवासन ने इस संबंध में मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने कृष्णा को पुरस्कार दिए जाने पर रोक लगाने वाले अंतरिम आदेश को खारिज कर दिया था.
वह भारत रत्न से सम्मानित पहली संगीतकार थीं
एमएस सुब्बुलक्ष्मी के पोते वी श्रीनिवासन ने याचिका में कहा कि उन्होंने कृष्णा को पुरस्कार दिए जाने पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि कृष्णा के अपमानजनक और निंदनीय हमलों ने उनकी दादी की प्रतिष्ठा को धूमिल किया है. वहीं, सर्वोच्च न्यायालय ने कृष्णा, संगीत अकादमी, द हिंदू और टीएचजी पब्लिशिंग प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है.दिसंबर 2017 में कृष्णा ने दिग्गज गायिका पर टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि एमएस सुब्बुलक्ष्मी को उच्च जाति के समाज द्वारा स्वीकार किए जाने के लिए अपनी ‘देवदासी’ जड़ों से खुद को दूर करना पड़ा था. आपको बता दें कि एमएस सुब्बुलक्ष्मी भारतीय शास्त्रीय संगीत की एक प्रसिद्ध गायिका थीं. उन्होंने शास्त्रीय गायिका के रूप में अनगिनत उपलब्धियाँ हासिल की थीं. वह भारत रत्न से सम्मानित होने वाली पहली संगीतकार थीं.

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