अयोध्या में रामलला एक बार फिर विराजमान होने के लिए तैयार हैं। इस शुभकार्य की गवाह देश की बड़ी-बड़ी हस्तियों के साथ पूरी दुनिया बनेगी। अब नेपाल से श्रीराम और सीता का नाता कोई नया तो है नहीं।जनकपुर से उपहार के अलावा नेपाल से एक संयोग भी आया है, जिसके बाद कहा जाने लगा है कि 57 साल पहले ही रामलला के मंदिर की भविष्यवाणी हो गई थी। विस्तार से समझते हैं।नेपाल पोस्टेज की तरफ से साल 1967 में जारी एक टिकट अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है। इसमें श्रीराम के साथ उनकी धर्मपत्नी सीता भी नजर आ रही हैं। तस्वीर के साथ-साथ टिकट पर दर्ज तारीख बेहद खास है। सबसे ऊपर लिखा हुआ है ‘रामनवमी 2024’। अब करीब 6 दशक पुराने इस टिकट पर 2024 दर्ज होने की वजह भी जानते हैं।टिकट पर विक्रम संवत 2024 लिखा हुआ है। दिलचस्प बात यह है कि अंग्रेजी कैलेंडर से हम तारीख को मिलाएं, तो विक्रम संवत 57 साले आगे चलता है। यही ऐतिहासिक कारण है कि 1967 में राम की तस्वीर के साथ जारी इस टिकट पर 2024 लिखा हुआ है।
21 हजार पुजारी करेंगे महायज्ञ
खबर है कि 1008 शिवलिंगों को स्थापित करने के लिए अयोध्या में एक महायज्ञ होने जा रहा है, जो 12 दिनों तक चलेगा। कहा जा रहा है कि यह अयोध्या में सरयू नदी के तट पर होने वाले इस यज्ञ को 21 हजार पुजारी नेपाल से आकर करेंगे। राम मंदिर से करीब 2 किमी की दूरी पर सरयू नदी के किनारे एक टेंट सिटी भी 100 एकड़ में स्थापित की गई है।
लग गया स्वर्ण द्वार
मंगलवार को ही राम जन्मभूमि मंदिर में स्वर्ण द्वार स्थापित किया गया है। खबरें हैं कि तीन दिनों के दौरान कुल 13 स्वर्ण द्वार स्थापित किए जाने हैं। पारंपरिक नागर तरीके से तैयार राम मंदिर तीन मंजिला होगा। इसमें 392 स्तंभों के साथ-साथ 44 दरवाजे भी होंगे। मंदिर के अंदर पांच मंडप या हॉल भी होंगे। मंडपों को नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप के तौर पर जाना जाएगा।