शाम के समय मुख्य द्वार पर दीपक जलाना है बेहद शुभ, जानिए इसका धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व
Sharing Is Caring:

सनातन धर्म में कई सारी ऐसे नियमों के बारे में बताया गया है, जिनका पालन करने से घर में सुख-समृद्धि के साथ धन आता है। इन नियमों का पालन सूर्योदय या फिर सूर्यास्त के समय करना काफी लाभकारी माना जाता है।

अक्सर आपने बड़े बुजुर्गों से सुना होगा कि शाम के समय मुख्य द्वार पर दीपक जरूर जलाना चाहिए। गोधूलि बेला में दीपक जलाने से कई तरह के शुभ परिणाम मिलते हैं। आज हम आपको दीपक से जुड़े कुछ खास नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिनका पालन हर व्यक्ति को घर की खुशहाली और सुख-समृद्धि के लिए करना चाहिए।

प्रसन्न होती हैं मां लक्ष्मी

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि नियमित रूप से शाम के समय मुख्य द्वार पर दीपक जलाया जाए तो इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। साथ ही उनका घर में आगमन होता है। जिसके कारण व्यक्ति की आर्थिक स्थिति मजबूत बनी रहती है।

कम होगा राहु का प्रभाव

ज्योतिष के अनुसार जिस घर में मुख्य द्वार पर रोज शाम के समय दीपक जलाया जाता है। उस घर के सदस्यों की कुंडली में मौजूद राहु का दुष्प्रभाव कम हो जाता है। साथ ही घर की नकारात्मकता दूर होती है। घर में खुशहाली का प्रवेश होता है।

दूर होती है दरिद्रता

कहा जाता है कि मुख्य द्वार पर नियमित रूप से दिया जलाया जाए तो उस घर में दरिद्रता का कभी वास नहीं होता है। ऐसे घरों में सुख-समृद्धि बनी रहती है। रोग और कष्ट से मुक्ति मिलती है।

सकारात्मक ऊर्जा

मान्यताओं के अनुसार जिस घर में नियमित रूप से शाम के समय मुख्य द्वार पर दीपक जलाया जाता है, वहां नकारात्मक शक्तियों का कभी वास नहीं होता है। हमेशा सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और घर का माहौल खुशनुमा बना रहता है।

वैज्ञानिक कारण

वैज्ञानिकों के अनुसार नियमित रूप से घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से घर का वातावरण शुद्ध होता है। ऐसी जगह पर हानिकारक कीट पतंगे नहीं आते। वहीं धार्मिक ग्रंथों के अनुसार घर के मुख्य द्वार पर दीपक हमेशा दाहिनी तरफ रखना शुभ माना जाता है। ये दीपक आप घी या तेल किसी का भी लगा सकते हैं।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

Sharing Is Caring:

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *