शहरी मलिन बस्तियों में रहने वालों को सुविधाएं देने के लिए सर्वे कराया जाएगा। उच्च स्तर पर इसको लेकर सहमति बन चुकी है। इस संबंध में नगरीय विकास अभिकरण (सूडा) द्वारा जल्द ही जिलों को निर्देश भेजा जाएगा।वर्ष 2003-04 के सर्वे के मुताबिक प्रदेश के शहरों में स्थित मलिन बस्तियों में रहने वालों की संख्या 119.98 लाख बताई गई है।राज्य सरकार मलिन बस्तियों में रहने वालों के जीवन स्तर में सुधार लाना चाहती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में पिछले दिनों मलिन बस्तियों में रहने वालों को सुविधाएं देने को लेकर बैठक हुई थी। इसमें कहा गया था कि इसमें रहने वालों के जीवन स्तर में सुधार लाया जाए। पुरानी सूची के आधार पर मलिन बस्तियों का सत्यापन कराया जाएगा। इसमें यह देखा जाएगा कि कितनी बस्तियां इसके दायरे में आ रही हैं और कितनी अवैध हैं। इसके आधार पर ही योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। स्थिति यह है कि शहरों में अवैध रूप से बस्तियों को बसाने का धंधा चला रहा है। इसीलिए यह तय किया गया है कि सर्वे कराते हुए यह पता करा लिया जाए कि कितनी बस्तियां सही में मलिन हैं।
सुविधाएं होंगी बेहतर
मलिन बस्तियों में रहने वालों को स्वस्थाने पुनर्वास योजना के तहत वहीं पर पक्के मकान बनाकर दिए जाएंगे। इसके साथ ही सीसी या टाइल्स सड़क के साथ ही नाली का निर्माण कराया जाएगा। मलिन बस्ती में रहने वालों के लिए इलाज की व्यवस्था भी कराई जाएगी। जरूरत के आधार पर यहां रहने वालों के इलाज की व्यवस्था भी कराई जाएगी, जिससे बीमारी न होने पाए। सर्वे के दौरान यह भी देखा जाएगा कि इनमें रहने वाले कितने लोगों को अब तक प्रधानमंत्री योजना में आवास का लाभ मिल चुका है, जिससे दोबारा लाभ किसी को न मिल जाए।