‘वे कहते थे लड़के हैं, गलती हो जाती है’, रागिनी सोनकर के सवाल पर CM योगी ने सपा पर बोला बड़ा हमला
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यूपी विधानसभा के मॉनसून सत्र का आज दूसरा दिन है। विधानसभा में आज सीएम योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला बोला। जौनपुर की मछली शहर सीट सपा विधायक रागिनी सोनकर ने कल प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सवाल उठाया था।आज उन्होंने महिला सम्बन्धी अपराध को लेकर सवाल उठाया। इस पर जवाब देते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर बड़ा हमला बोल दिया। सीएम योगी ने विस्तार से आंकड़े गिनाते हुए कहा कि यूपी में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों में उल्लेखनीय कमी आई है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के पुराने बयान की याद दिलाते हुए कहा कि ये (सपाई) उस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं जो ये कहते थे कि लड़के हैं गलती कर देते हैं। वे महिला सुरक्षा की क्या बात करेंगे?सीएम योगी ने कहा कि मुझे इस बात का दु:ख है कि सरकार ने जब सबसे पहले एंटी रोमियो स्क्वाड बनाया तब सपा ने ही सबसे पहले उसका विरोध किया। महिला सम्बंधी अपराध में अक्सर कहीं न कहीं से सपाई शामिल दिखते हैं। सीएम ने महिला और बच्चों से सम्बन्धित अपराधों में कमी के प्रमाण के तौर पर विस्तार से आंकड़े गिनाए। उन्होंने कहा कि 2016 की तुलना में दहेज़ के मामले में 17.5 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा कि बलात्कार के मामलों में 2016-17 की तुलना में 2023-24 में 25.30 प्रतिशत की कमी आई है। नाबालिग बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों में 24402 अभियुक्तों को सजा दिलाई गई है। पॉक्सो के मामलों में 16718 अभियुक्तों को सजा दिलाई गई है। महिला सम्बन्धी अपराधों में सजा दिलाने के मामले में यूपी देश में तीसरे स्थान पर है।

रागिनी सोनकर ने क्या कहा
सपा विधायक रागिनी सोनकर ने मॉनसून सत्र के दूसरे दिन महिला और बाल सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सपा सरकार के दौरान संविधान था और लोकतंत्र था। आपकी सरकार में नहीं है। हम समाजवादी हैं और डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने पूछा कि यूपी में आए दिन महिलाओं और बच्चों का यौन शोषण हो रहा है। ऐसी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार ने क्या योजना बनाई है? उन्होंने कहा कि इस मामले में यूपी देश में नंबर वन बन गया है। सपा विधायक ने पूछा कि 2017 से लेकर 2023 तक कुल ऐसे कितने ऐसे यौन शोषण और पॉस्को के कितने मामले दर्ज किए गए और उनको किस तरह की मदद की गई? क्या काउंसिलिंग की गई? क्या सरकार ने उनकी जिम्मेदारी ली? क्या कोई स्किल डेवलपमेंट का काम हुआ?

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