विपक्षियों को नहीं मानता दुश्मन, उनसे भी चाहता हूं सीखना
Sharing Is Caring:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छठे चरण की वोटिंग से ठीक पहले NDTV को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि वह राजनीतिक विपक्षियों को दुश्मन नहीं मानते हैं बल्कि वह उनसे भी कुछ सीखना चाहते हैं और मिलकर काम करने की भावना में विश्वास रखते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह किसी को कम करके भी नहीं आंकते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने ही 60-70 साल तक देश पर शासन किया है। इसलिए उनके जो अच्छे काम रहे हैं उनसे आज भी सीखना चाहता हूं।

प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि अगर कोई उन्हें कोई कुछ सलाह देना चाहता है तो वह उसका स्वागत करते हैं। जब उनसे पूछा गया कि विपक्ष हर कदम पर आपकी आलोचना कर रहा है तो उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र की निशानी है। उन्होंने कहा, “मैं कभी भी चुनौती नहीं देता लेकिन मैं उन्हें साथ लेकर चलना चाहता हूं।”

पीएम ने कहा, “मैं किसी को कम नहीं आंकता। मैं उनको साध लेना चाहता हूं। वो 60-70 साल तक सरकार में रहे हुए लोग हैं। उनकी अच्छी चीजें सीखना चाहता हूं। मैं विरोधी पक्ष को दुश्मन नहीं मानता। अगर उनके पास कोई अनुभवी लोग हैं और मुझे सुझाव देना चाहते हैं तो उसका स्वागत है। मैं सुनने को तैयार हूं। उनको मीडिया-अखबार में जो कुछ भी कहना है कहते रहें लेकिन देशहित में अगगर कोई सुझाव है तो स्वागत है उनका। मैं किसी का बुरा नहीं चाहता।”

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “अगर उनको लगता है कि संसद भवन इतना भव्य बन रहा है और उसमें ये एक पौधा लग जाए तो मुझे खुशी होगी। ये मेरी कोई पर्सनल प्रोपर्टी नहीं है। यह देश है। 140 करोड़ लोगों का अधिकार है कि कुछ न कुछ देकर देश को आगे बढ़ाएं।”

पीएम मोदी ने कहा कि वह कोई टक्कर-वक्कर और चुनौती नहीं देना चाहते लेकिन वह देश के विकास को पुरानी सोच से बाहर लाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “मैं ‘पुरानी मानसिकता’ से छुटकारा पाना चाहता हूं। मैं 18वीं सदी में बनी परंपराओं और कानूनों से 21वीं सदी में भारत के भविष्य का निर्माण नहीं कर सकता। मैं सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के जरिए बदलाव लाना चाहता हूं।”

पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस बयान पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें बनर्जी ने दावा किया था कि 4 जून (चुनाव नतीजों का दिन) भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की एक्सपायरी डेट है। पीएम ने मुस्कुराते हुए कहा, “वह सच बोल रही हैं। इस सरकार को 4 जून को खत्म होना है और फिर नई सरकार बनानी है। यह संवैधानिक है कि सरकार का कार्यकाल खत्म होना है, इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं है। चुनाव के बाद, एक नई सरकार बनेगी और हम एक नई सरकार बनाएंगे।”

Sharing Is Caring:

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version