लोकसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान संविधान की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर संविधान को लेकर चर्चा होगी. यह चर्चा लोकसभा में 13 और 14 दिसंबर को होगी. संसद सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को लोकसभा में संविधान पर दो दिवसीय बहस का जवाब देंगे.संसद के शीतकालीन सत्र के लिए विपक्षी गठबंधन की प्रमुख मांगों में से एक संविधान पर बहस की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा किए जाने की संभावना है. गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सोमवार को राज्यसभा में बहस की शुरुआत किए जाने की उम्मीद है और मोदी मंगलवार को इसका जवाब देंगे.बता दें कि कुछ दिन पहले संसद में गतिरोध को समाप्त करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ने सभी पार्टियों की बैठक बुलाई थी. इस बैठक में संविधान पर चर्चा को लेकर सभी राजनीतिक दलों में सहमति बनी थी.विपक्ष के साथ हुए सहमति के अनुसार, भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने 13-14 दिसंबर को लोकसभा में और 16-17 दिसंबर को राज्यसभा में संविधान पर बहस के लिए सहमति जताई थी.
सर्वदलीय बैठक में संविधान पर चर्चा पर बनी थी सहमति
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद में गतिरोध समाप्त करने के लिए हाल में राजनीतिक दल के नेताओं के साथ सर्वदलीय बैठक की थी. उस बैठक के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ने संविधान पर चर्चा कराने का प्रस्ताव रखा था. इस प्रस्ताव पर सभी राजनीतिक दलों ने सहमति जताई थी.इसी सहमति के आधार पर ही अब लोकसभा और राज्यसभा में संविधान पर चर्चा की तारीख तय हुई है. प्रधानमंत्री लोकसभा और राज्यसभा में संविधान पर हुई बहस का जवाब देंगे.
मनाया जा रहा है संविधान की 75वीं वर्षगांठ
बता दें कि 15 अगस्त, 1947 को हमारा देश स्वतंत्र हुआ. उसके बाद देश का अपना संविधान बनाने के लिए संविधान सभा का गठन हुआ. भारतीय संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को औपचारिक रूप से संविधान को स्वीकार कर लिया, लेकिन 26 जनवरी 1950 संविधान को लागू किया गया.इसके बाद भारत एक लोकतांत्रिक और संप्रभु गणराज्य के रूप में स्थापित हुआ. साल 2015 में पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस घोषित किया, क्योंकि इसी दिन संविधान को अंगीकार किया गया था. इस साल देश संविधान की 75वीं वर्षगांठ का पालन कर रहा है. इसी अवसर पर संसद में संविधान पर चर्चा कराने का प्रस्ताव रखा गया है.