लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा को झटका, दक्षिण में छोड़ गया एक बड़ा साथी
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लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका लगा है। दक्षिण में एनडीए को उसके एक बड़े साथी ने साथ छोड़ दिया है। एआईएडीएमके ने भाजपा के साथ गठबंधन खत्म करने का ऐलान कर दिया है। अन्नाद्रमुक ने घोषणा की कि भाजपा के साथ गठबंधन हमेशा-हमेशा के लिए खत्म।

अन्नाद्रमुक के उप समन्वयक केपी मुनुसामी ने कहा कि बैठक में एआईएडीएमके ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया। एआईएडीएमके आज से भाजपा और एनडीए गठबंधन से सारे रिश्ते तोड़ रही है।

उन्होंने कहा कि भाजपा का राज्य नेतृत्व पिछले एक साल से लगातार हमारे पूर्व नेताओं, हमारे महासचिव ईपीएस और हमारे कार्यकर्ताओं के बारे में अनावश्यक टिप्पणी कर रहा है। वहीं, एआईएडीएमके पार्टी द्वारा भाजपा और एनडीए से अलग होने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने चेन्नई में पटाखे फोड़े।

अगले गठबंधन पर कही यह बात
इसके साथ ही ऑल इण्डिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) ने सोमवार को घोषणा की कि वह भारतीय जनता पार्टी नीत गठबंधन से अलग हो रही है। पार्टी ने कहा कि वह 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए एक अलग मोर्चे का नेतृत्व करेगी। एनडीए से बाहर निकलने का फैसला यहां अन्नाद्रमुक मुख्यालय में पार्टी प्रमुख ई के पलानीस्वामी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक में किया गया। बैठक में हुए विचार-विमर्श के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए, पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता के पी मुनुसामी ने कहा कि पार्टी ने एनडीए से अलग होने और अगले साल होने वाले चुनाव में समान विचारधारा वाले दलों के गठबंधन का नेतृत्व करने का सर्वसम्मति से संकल्प लिया है।

हस्तियों को बदनाम करने का आरोप
स्वीकार किए गए संकल्प में किसी का नाम लिए बिना कहा गया है कि भाजपा का राज्य नेतृत्व हाल ही में पार्टी की नीतियों की आलोचना करने के साथ ही मशहूर द्रविड़ हस्ती दिवंगत सी एन अन्नादुरै और दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता को बदनाम कर रहा है। अन्नाद्रमुक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई के बयानों को लेकर नाराज थी और अन्नादुरै के बारे में उनके हालिया बयानों से दोनों दलों के बीच दरार पैदा हो गई थी। अन्नाद्रमुक की इस बैठक में पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों के साथ ही जिला सचिवों और विधायकों एवं सांसदों ने हिस्सा लिया। यहां पार्टी मुख्यालय में पटाखे चलाए जाने के बीच, मुनुसामी ने कहा कि सर्वसम्मति से किए गए इस फैसले में दो करोड़ से अधिक पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं एवं आकांक्षाओं का सम्मान किया गया है।

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