लोकसभा चुनाव 2024 ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है। इस बीच देश के चार महान विभूतियों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथो भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। उनमें बिहार के भूतपूर्व सीएम और जननायक के नाम से विख्यात कर्पूरी ठाकुर भी शामिल हैं।उनके अलावे भूतपूर्व पीएम नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को सम्मानित किया गया। लाल कृष्ण आडवाणी को उनके घर जाकर सम्मानित किया जाएगा। इस पर जन सुराज अभियान के नायक और नीतीश कुमार के करीबी रहे प्रशांत किशोर ने प्रतिक्रिया व्यक्त किया है। उन्होंने केंद्र सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़ा कर दिया है।
प्रशांत किशोर ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि जननायक को यह सम्मान दिया जाना बहुत अच्छी और स्वागत योग्य बात है। बिहार के लोग बहुत लंबे समय से इसकी मांग करते आ रहे थे। यह काम पहले ही हो जाना चाहिए था। लेकिन, चुनाव के 1 से 2 महीने पहले महापुरुषों को सम्मानित करने के पीछे खास वजह है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि लोग अपनी 5 साल की समस्या को भूल जाएं और इन सब बातों में बह जाएं और फिर से वही गलती कर दें जो पहले की थी। यानी फिर से उन्हीं लोगों को वोट देकर चुनाव जितवा दें।प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के लोग अगर लगातार ऐसे ही गलती करते रहेंगे तो राज्य की हालत वैसी ही बनी रहेगी जैसी आज है। पीके ने कहा कि बिहार ने हर नेता का शासन देखा है। चाहे वो लालू प्रसाद यादव का राज हो, मोदी जी का हो या फिर नीतीश कुमार का शासन हो। पिछले 10 सालों से मोदी जी शासन में हैं, इससे बिहार में बेरोजगारी में क्या कमी आ गई?प्रशांत किशोर ने कहा कि इससे पहले जब बिहार में UPA की सरकार थी, तब भी बिहार का यही हाल था। किसने बिहार का भला किया और किसकी वजह से बिहार का नुकसान हुआ, यह बताना ठीक नहीं होगा क्योंकि माहौल चुनावी है। लेकिन जितने भी दल और नेता बिहार में रहे उन्होंने काम तो नहीं किया पर दावे बड़े बड़े किए। अगर उनके दावे सही हैं तो बिहार देश का सबसे पिछड़ा और गरीब राज्य क्यों है।