लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस ने गठबंधन पर बातचीत शुरू करने से पहले सपा को उसकी धमकी का जवाब देने की तैयारी कर रही है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सीटों पर तालमेल नहीं होने पर सपा ने लोकसभा चुनाव में इसी तरह का व्यवहार करने की धमकी दी थी।
कांग्रेस ने यूपी में सीटों पर मजबूत दावेदारी के रास्ते तलाश लिए हैं। पार्टी ने अपने प्रत्याशियों का नाम आगे कर सीटों पर दावेदारी करने की योजना बनाई है। इसके तहत मजबूत प्रत्याशियों की तलाश तेज कर दी गई है। पार्टी के रणनीतिकारों की नजर सपा व बसपा के साथ-साथ भाजपा के उन दिग्गजों पर भी है, जो फिलहाल अपनी पार्टी में हाशिए पर हैं।
पार्टी की प्रदेश कमेटी गठबंधन की परवाह किए बगैर अपना कुनबा बढ़ाने में जुटी है। ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल समाजवादी पार्टी से आने वाले नेताओं का भी बाहें फैलाकर स्वागत किया जा रहा है। हाल के दिनों में कांग्रेस में सपा, बसपा व रालोद के अलावा भाजपा के नेता भी शामिल हुए हैं। इनमें सपा से बसपा होते हुए कांग्रेस में वापस लौटे सहारनपुर के पूर्व विधायक इमरान मसूद, रालोद छोड़कर कांग्रेस में वापस लौटे हापुड़ के पूर्व विधायक गजराज सिंह और सपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए लखीमपुर खीरी के पूर्व सांसद रवि वर्मा खासी सुर्खियों में रहे। जल्द ही कुछ और कद्दावर नेता कांग्रेस में शामिल होने वाले हैं।
यूपी में सपा व रालोद के साथ संभावित गठबंधन से पहले पार्टी मजबूत दावेदार ढूंढने की कवायद में जुटी है। इसके साथ ही वह दलितों व अल्पसंख्यकों में पैठ बना करके भी अपने संभावित सहयोगियों पर दबाव बनाने की रणनीति पर चल रही है। प्रदेश में दलित गौरव संवाद यात्रा और चाय पर चर्चा जैसे कार्यक्रमों के जरिए कार्यकर्ता मतदाताओं पर पहुंच रहे हैं। पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता प्रियंका गुप्ता कहती हैं कि कांग्रेस के प्रति जनता की जबरदस्त रुझान देखकर सभी दलों के नेता पार्टी की सदस्यता लेना चाह रहे हैं। प्रदेश संगठन अपने दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।