लालू और तेजस्वी यादव को आ गया ED का बुलावा, लैंड फॉर जॉब मामले में पूछताछ के लिए समन
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ‘रेलवे में नौकरी के बदले जमीन’ मामले की जांच में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और उनके पिता एवं आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को पूछताछ के लिए तलब किया है।

तेजस्वी को 22 दिसंबर को पेश होने के लिए कहा गया है, वहीं लालू को धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बयान दर्ज कराने के लिए 27 दिसंबर को उपस्थित होने के लिए कहा गया है। कथित घोटाला उस समय का है जब लालू यादव यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि 2004 से 2009 तक, भारतीय रेलवे के विभिन्न जोन में समूह डी पदों पर कई व्यक्तियों को नियुक्त किया गया था और बदले में, इन व्यक्तियों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों और एक संबंधित कंपनी ए. के. इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित कर दी थी।

कात्याल से पूछताछ के बाद समन जारी
यह समन लालू प्रसाद परिवार के एक कथित करीबी सहयोगी अमित कात्याल से पूछताछ के बाद आया है। कात्याल को ईडी ने नवंबर में गिरफ्तार किया था। कथित घोटाला उस समय का है जब लालू संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग)-1 सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि 2004 से 2009 तक, भारतीय रेलवे के विभिन्न जोन में समूह ‘डी’ पदों पर कई व्यक्तियों को नियुक्त किया गया था और बदले में, इन व्यक्तियों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों और एक संबंधित कंपनी ए. के. इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित कर दी थी।

क्या था मामला
ईडी ने पहले एक बयान में दावा किया था कि कात्याल इस कंपनी के निदेशक थे, जब इसने लालू प्रसाद की ओर से अभ्यर्थियों से जमीन हासिल की थी। एजेंसी ने आरोप लगाया था कि कंपनी का पंजीकृत पता डी-1088, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, नई दिल्ली है, जो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों का घर है। ईडी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव जब रेल मंत्री थे, तब उनके द्वारा अनुचित लाभ पहुंचाने के बदले में अमित कात्याल ने उक्त कंपनी में कई अन्य जमीन भी ली थीं। ईडी के अनुसार, भूमि प्राप्त करने के बाद, उक्त कंपनी के शेयर 2014 में लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को ‘हस्तांतरित’ कर दिए गए थे।

सीबीआई ने दर्ज की थी शिकायत
पीएमएलए की आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज किया गया ईडी का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एक शिकायत से उपजा है। सीबीआई के अनुसार, नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई थी, लेकिन पटना के कुछ निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में विभिन्न जोनल रेलवे में नियुक्त किया गया था। सीबीआई आरोप लगाया कि इसके बदले में, अभ्यर्थियों ने, सीधे या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से, कथित तौर पर लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को अत्यधिक रियायती दरों पर जमीन बेची। पिछले कुछ महीनों में, ईडी ने इस मामले में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनकी बेटियों मीसा भारती (राज्यसभा में राजद सदस्य), चंदा यादव और रागिनी यादव के बयान दर्ज किए हैं।

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