वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट संसद में पेश किया। बजट की भाजपा और एनडीए के सहयोगी दल जहां खुलकर तारीफ कर रहे हैं वहीं विपक्ष इसकी जमकर आलोचना कर रहा है।समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बजट के बहाने यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार पर भी निशाना साधा है। उन्होंने इशारों में दिल्ली और लखनऊ के बीच और उत्तर प्रदेश में भाजपा के अंदर चल रही सियासी खींचतान पर तंज कसते हुए कहा कि लगता है लखनऊ ने दिल्ली को नाराज कर दिया है। इसका असर बजट पर दिख रहा है।सपा प्रमुख ने कहा कि हम सभी लोग खासकर समाजवादी लोग चाहते हैं कि किसानों को एमएसपी मिले, आय दोगुनी हो उसका रास्ता निकले। लेकिन इधर देखने को मिल रहा है कि समर्थन मूल्य किसान को न मिलकर जो अलायंस पार्टनर हैं , जो सरकार बचा रहे उन्हें समर्थन मूल्य सरकार दे रही है। आप पहले बेरोजगार करते हैं, बेरोजगारी बढ़ाते हैं। उसके बाद ऐसी आधी अधूरी नौकरी लाते हैं जिससे किसी नौजवान का भविष्य बनने वाला नहीं है। इटर्नशिप के बाद क्या होगा, उनको नौकरी कौन देगा। तीसरा महंगाई को लेकर सरकार ऐसा कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई जिससे महंगाई नियंत्रित होती। यदि सरकार ने मिडिल क्लास (मध्य वर्ग) को कहीं कोई सहूलियत भी दी है तो वो महंगाई से वापस ले रही है।अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार ने यूपी को बड़े सपने दिखाए थे लेकिन क्या मिला यूपी को? डबल इंजन की सरकार है तो डबल लाभ मिलना चाहिए था। लेकिन लगता ये है कि दिल्ली अब लखनऊ की ओर नहीं दिख रही है। या फिर लखनऊ वालों ने दिल्ली वालों को नाराज कर दिया। उसका परिणाम बजट में दिखाई दे रहा है। तो डबल इंजन का क्या फायदा हुआ?
यूपी की बाढ़ रोके बिना बिहार की कैसे रोकेंगे
अखिलेश यादव ने बजट में यूपी की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार जा रहा है विकास, आपने यूपी को क्यों छोड़ दिया? उन्होंने कहा कि यदि बिहार की बाढ़ रोकनी है तो नेपाल और यूपी की बाढ़ रोके बिना बिहार की बाढ़ कैसे रोकेंगे। सरकार पहले यूपी और नेपाल की बाढ़ रोके तो बिहार की बाढ़ अपने आप रुक जाएगी।