रियल-टाइम वोटर टर्नआउट और अंतिम आंकड़ों में अंतर? ऐसी बातों पर क्यों भड़का चुनाव आयोग
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चुनाव आयोग ने देश में चुनाव प्रक्रिया की शुद्धता, पारदर्शिता और निष्पक्षता पर एक बार फिर से जोर दिया। ईसी की ओर से कहा गया कि चुनाव के बारे में अनर्गल बातें फैलाने का बाजार बड़ा खतरा बन गया है।इसके खिलाफ सावधानी बढ़ाने की जरूरत है। चुनावों के दौरान अनर्गल बातों के फैलाने का पैटर्न दिखने लगा है, जो घातक है और यह आयोग के लिए सबक है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, ‘इस बार एक पैटर्न के तहत हमले किए गए और हर हमला झूठ साबित हुआ। वह फेक नैरेटिव साबित हुआ। इस चुनाव की कुछ महत्वपूर्ण सीख हैं, एक तो हमें भीषण गर्मी के मौसम को देखते हुए यह चुनाव एक महीने पहले पूरा करा लेना चाहिए था। दूसरी सीख अनर्गल प्रचार से निपटने की जरूरत का सबक है।’

राजीव कुमार ने 7 चरणों के आम चुनाव के दौरान अंतिम मतदान प्रतिशत जारी करने में देरी पर सवाल उठाने वालों पर भी निशाना साधा। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा, ‘हम चुनाव के दौरान चल रही दोषपूर्ण मतदाता सूचियों और मतदान आंकड़ों की फर्जी कहानियों को समझने में विफल रहे। मगर, अब हम इसे समझ चुके हैं।’ दरअसल, कांग्रेस ने रियल-टाइम वोटर टर्नआउट डाटा और चुनाव आयोग की ओर से जारी अंतिम आंकड़ों के बीच बड़े अंतर पर सवाल उठाया था। मुख्य विपक्षी दल की ओर से कहा गया कि मतदाता चुनाव आयोग में अजीब गतिविधियों को लेकर चिंतित हैं। दूसरे विपक्षी दलों ने भी अंतिम मतदान प्रतिशत जारी करने में देरी पर सवाल उठाया।

‘अपने देश के अंदर ही इतने बड़े हमले होंगे…’
राजीव कुमार ने कहा, ‘हमने देश की सीमाओं से बाहर से अनर्गल आरोपों के हमले का अंदाजा लगाया था। इससे निपटने की सफल व्यवस्था भी की थी लेकिन अपने देश के अंदर ही इतने बड़े हमले होंगे, इस बात का अंदाजा हमने नहीं लगाया था।’ उन्होंने चुनाव के शुरू में मतदाता सूचियों की गड़बड़ी के आरोप से लेकर डाक मतपत्र की गिनती को प्राथमिकता दिए जाने के मुद्दे पर फैलाई जा रहीं बातों का जिक्र किया। कुमार ने कहा कि इन सभी में एक पैटर्न था और सभी बातें फेक नैरेटिव साबित हुईं।’ उन्होंने कहा कि चुनाव को लेकर झूठी अफवाहों से निपटने के लिए बहुत तत्पर रहने की जरूरत है।

‘लोकतांत्रिक इतिहास में भारत का यह कीर्तिमान’
चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 को विश्व के लोकतांत्रिक इतिहास में भारत का कीर्तिमान बताया। ईसी ने कहा कि इस चुनाव में 64.2 करोड़ मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया, जो एक रिकॉर्ड है और महिला मतदाताओं ने चुनाव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि मतगणना में किसी भी प्रकार की हेराफेरी की कोई भी आशंका नहीं हो सकती, क्योंकि इसकी निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की पहले से व्यवस्थाएं लागू हैं। उन्होंने आगाह किया कि मतगणना केंद्रों पर उपद्रव करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। मतगणना में डाक मतपत्रों की जांच के बारे में उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया घड़ी की सुइयों की तरह से सटीक काम करती है। पहले गिनती के लिए डाक मतपत्र लिए जाते हैं, उसके बाद EVM की गिनती शुरू होती है। इसके बाद 5-5 वीवीपैट की गणना हो जाती है और सारी प्रक्रिया निर्विवाद होती है।

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