कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि उसके नेता राहुल गांधी के विमान को रक्षा मंत्रालय ने कोच्चि स्थित नेवी के एयरपोर्ट पर नहीं उतरने दिया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इसके लिए परमिशन मांगी गई थी, लेकिन डिफेंस मिनिस्ट्री ने इनकार कर दिया।
एर्नाकुलम जिले के कांग्रेस अध्यक्ष मोहम्मद शियास ने आरोप लगाया है कि डिफेंस मंत्रालय से पहले इसके लिए परमिशन दी गई थी, लेकिन बाद में वापस ले लिया गया। राहुल गांधी कन्नूर से कोच्चि आ रहे थे और उनके विमान की लैंडिंग यहां नेवी एयरपोर्ट पर होनी थी।
वहीं एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि नेवी स्टेशन पर प्राइवेट जेट उतारने की परमिशन रक्षा मंत्रालय से मिल गई थी। हालंकि उन्होंने इस बारे में विस्तार से कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष फिलहाल केरल के दौरे पर हैं और शुक्रवार को वह कोच्चि में दो कार्यक्रमों में हिस्सा लेने वाले हैं। कांग्रेस के आरोपों पर अभी रक्षा मंत्रालय या फिर भाजपा की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। इस बीच राहुल गांधी ने कोच्चि में एक कार्यक्रम में भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने पीएम मोदी पर बिना नाम लिए निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि दिल्ली का नेतृत्व सभी लाउडस्पीकर और कैमरों को अपनी दिशा में मोड़ना पसंद करते हैं, लेकिन वह माइक का मुंह जनता की ओर मोड़ना पसंद करते हैं। यहां प्रसिद्ध लेखक टी पद्मनाभन को केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) द्वारा पहला प्रियदर्शिनी साहित्य पुरस्कार प्रदान किए जाने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि नेता बड़े मजेदार किस्म के लोग होते हैं। लाउडस्पीकर हमेशा उनके सामने रहता है। गांधी ने कहा, ‘यह (लाउडस्पीकर) भीड़ की तरफ नहीं होता क्योंकि हम खुद को बोलते हुए सुनना पसंद करते हैं।’
‘दिल्ली में नेता की ओर रहते हैं कैमरे और लाउडस्पीकर’
राहुल गांधी ने कहा कि हर बार जब मैं वहां जाता हूं, तो मैं लाउडस्पीकर को दूसरी तरफ मोड़ देता हूं। मुझे लगता है, आज के भारत में, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि लाउडस्पीकर का मुंह दूसरी ओर किया जाए। अगर आप दिल्ली में अपने नेतृत्व को देखें तो सभी लाउडस्पीकर और कैमरे उन्हीं की दिशा में लगे होते हैं। उन्होंने कहा कि निस्संदेह, पद्मनाभन जैसे लेखकों और उनके (राहुल गांधी) जैसे राजनीतिक नेताओं के बीच एक बड़ा अंतर है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘नेताओं की तुलना में पद्मनाभन के लिए सच बोलना बहुत आसान है। यह कुछ ऐसा है जो उन्होंने बिना किसी अपवाद के पूरे जीवन किया है।’