राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के बाद अब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अयोध्या आ रहे हैं। वह शुक्रवार को अयोध्या पहुंचेंगे। यहां रामलला का दर्शन करने के साथ ही सरयू की आरती में शामिल होंगे।उपराष्ट्रपति करीब चार घंटे राम नगरी में रहेंगे। अयोध्या। संवाददाता राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ रामलला का दर्शन करने शुक्रवार को अयोध्या आ रहे है। प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार वह चार घंटे अयोध्या में रहेंगे। राम मंदिर में राम लला का दर्शन पूजन के बाद कुबेर टीला में भी दर्शन पूजन करेंगे। पुनः शाम को हनुमानगढ़ी में हाजिरी लगाकर वह मां सरयू की आरती में भी शामिल होंगे। प्राण प्रतिष्ठा के बाद उपराष्ट्रपति का यह पहला दौरा है। इस दौरान राम नगरी में सख्त सुरक्षा रहेगी। कुछ मार्गों पर रूट डायवर्जन रहेगा।
उपराष्ट्रपति करीब 3.25 बजे महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट पर उतरेंगे। वहां से सड़क मार्ग से अयोध्या धाम आएंगे। सबसे पहले राम मंदिर जाएंगे, जहां रामलला का दर्शन पूजन करेंगे। पुनः कुबेर टीला व हनुमानगढ़ी में दर्शन पूजन करेंगे। इसके बाद शाम को 6:45 बजे सरयू आरती में शामिल होंगे। इसके बाद 730 बजे महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट से रवाना होंगे। अयोध्या आने वाले वे दूसरे उपराष्ट्रपति भी होंगे। इससे पहले उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के 15 अप्रैल 2022 को अयोध्या आए थे। इस दौरान रामलला का दर्शन करने के बाद हनुमानगढ़ी में दर्शन पूजन किया था। बिहार के राज्यपाल आज आएंगे, कल दर्शन करेंगे बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर का आगमन भी शुक्रवार की शाम को होगा।
बताया गया कि वह यहां रात्रि विश्राम करेंगे तत्पश्चात वह शनिवार की सुबह रामलला का दर्शन पूजन करेंगे। महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस का आगमन शनिवार को ही होगा और वह यहां आकर सीधे रामलला का दर्शन पूजन करेंगे। इसके उपरांत हनुमानगढ़ी में माथा टेककर मां सरयू की आरती में भी शामिल होंगे। त्रिपुरा के राज्यपाल एन. इंद्रसेन रेड्डी ने रामलला के दरबार में लगाई हाजिरी त्रिपुरा के राज्यपाल एन इंद्रसेन रेड्डी लल्लू गुरुवार को करीब एक घंटा विलंब से महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट पहुंचे।वहां से वह सीधे रामलला का दर्शन करने गये। वहीं उन्होंने हनुमानगढ़ी में भी माथा टेका। एयरपोर्ट पर उन्होंने मीडिया से संक्षिप्त बातचीत में कहा कि मैं यहां पहली बार आया हूं। काफी समय से यहां आने के लिए विचार कर रहा था। उन्होंने बताया कि मेरे माता-पिता यहां कारसेवा करने आए थे लेकिन अब वह दोनों नहीं है तो मैं रामलला का दर्शन कर अपने माता-पिता की स्मृतियों को भी ताजा करुंगा।