रायबरेली में सोनिया की भावुक अपील का दिख रहा असर, कांग्रेस-भाजपा के बीच सीधी लड़ाई
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लखनऊ से 47.04 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांधी विद्यालय इंटर कॉलेज बछरावां रायबरेली लोकसभा सीट का मतदान केंद्र हैं। समय यही करीब 11.04 होने को है। तपती धूप के बावजूद मतदाताओं का जोश देखने वाला बनता है।

कतारों में खड़े मतदाता अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे हैं। पारा भले ही 42 डिग्री को पार करा रहा हो पर मतदाताओं में इसका कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। उन्हें वोट करना है। वोट डालकर आने वाले मतदाता भले ही सीधे तौर पर यह नहीं बता रहे हैं कि उन्होंने किसे वोट दिया पर वह गांधी परिवार को अपने घर जैसा बताते हैं। कहते हैं कि एक मां ने बेटे के लिए अपील की है। वह रायबरेली के लोगों को अपना बेटा सौंप रहीं हैं…। इससे यह लग रहा है कि सोनिया गांधी की अपील का असर लोगों में हो रहा है।

कांग्रेस-भाजपा में सीधी लड़ाई
रायबरेली लोकसभा सीट से वैसे तो कुल आठ उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, लेकिन प्रमुख उम्मीदवारों में कांग्रेस से राहुल गांधी, भाजपा से दिनेश प्रताप सिंह और बसपा से ठाकुर प्रसाद चुनाव लड़ रहे हैं। रायबरेली लोकसभा सीट पर 1784314 मतदाताओं के लिए 1867 मतदेय स्थल बनाए गए हैं। गांधी विद्यालय इंटर कॉलेज बछरावां के बाहर मिले गौरी शंकर कहते हैं कि रायबरेली तो गांधी परिवार का घर है। यहां लड़ाई कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी है। यहीं पर मिली आशा बहू सीमा यादव कहती हैं कि वो यह तो नहीं बताएंगी कि किसी पलड़ा भारी है, लेकिन जो चर्चा चल रही है उसमें कांग्रेस व भाजपा के बीच लड़ाई है। वह सुबह से ही लोगों को घर-घर जाकर वोट डालने के लिए जागरूक कर रही हैं। यहां से निकलने के बाद करीब सात किमी की दूरी पर हमारी मुलाकात मतदान केंद्र के बाहर आरती रावत से होती है। वह अपने पति के साथ वोट डालने जा रही हैं। उनका भी मानना है कि राहुल अच्छे उम्मीदवार हैं।

इंदिरा गांधी के जमाने की नहर आ रही काम
बछरावां मुख्य सड़क से अंदर जाने पर जीगो ग्राम सभा स्थित प्राथमिक विद्यालय पर 12.11 बजे पहुंचने पर धूप की वजह से सन्नाटा हो गया है। मतदान में लगे कर्मी स्कूल की रसोइये के हाथ का बना हुआ खाना खा रहे हैं। इस मतदान केंद्र के बूथ नंबर 107 पर कुल 746 मतदाताओं में 316 वोट डाल चुके थे। मतदान केंद्र से चंद कदमों की दूरी पर संतलाल कनौजिया, मनोज कुमार, बृज किशोर शुक्ला चार-पांच लोगों के साथ खड़े होकर चुनावी चर्चा कर रहे हैं। मतदान केंद्र पर सन्नाटा होने के सवाल पर कहते हैं कि आधे से ज्यादा वोट यहां पड़ चुका है, अब खाने-पीने का समय है। बचा वोट भी शाम तक पड़ जाएगा। क्या है चुनावी माहौल के सवाल पर कहते हैं कि स्थिति साफ है। लड़ाई सीधी है। गांधी परिवार ने यहां के लिए बहुत किया है। बृज किशोर शुक्ला कहते हैं – ‘यह सामने नहर देख रहे हैं। हमारे बचपन में बनी थी। इसे इंदिरा गांधी ने बनवाया था। यह नहर गांव के लिए खुशहाली लेकर आई थी। इससे ही गांव वाले अपने खेतों की सिंचाई करते हैं, तो आप स्वयं समझ लीजिए क्या माहौल है। यह नहर करीब पांच किलोमीटर तक जाती है। इसके आसपास के गांवों में यही एक मात्र सिंचाई का साधन है।

बसपा का नहीं दिखा बस्ता
लखनऊ से बछरावां होते हुए हैदरगढ़ पहुंचने पर करीब 130 किलो मीटर की दूरी के दौरान 27 से अधिक मतदान केंद्रों पर जाना हुआ। कुछ मतदान केंद्रों को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर केंद्रों पर बसपा का बस्ता नहीं दिखा। भाजपा और कांग्रेस के लोग मतदान केंद्रों से कुछ दूरी पर बैठकर पर्चियां बनाते हुए दिखे। पूर्व माध्यमिक विद्यालय शिवगढ़ के बाहर हमारी राकेश वर्मा से मुलाकात हुई। राकेश भाजपा कार्यकर्ता हैं। उनसे जब पूछा गया कि बसपा का बस्ता नहीं दिखाई दे रहा है, तो कहते हैं कि कुछ कार्यकर्ता सुबह आए तो जरूर थे, लेकिन चले गए। यहीं पर हमारी मुलाकात नुसरत और आबिद अंसारी से होती है। दोनों युवा हैं, कहते हैं कि सरकार चाहे जिसकी आए, पर उसे रोजगार और शिक्षा के बारे में जरूर सोंचना चाहिए।

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