राजस्थान में कांटे की लड़ाई; BJP की जाट मतों पर नजर, पीएम मोदी के सीकर दौरे की इनसाइड स्टोरी
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बीकानेर में एक जनसभा को संबोधित करने के 20 दिनों के भीतर ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक बार फिर राजस्थान का दौरा करने वाले हैं। इस बार पीएम मोदी 27 जुलाई को सीकर में एक कार्यक्रम में शामिल होने आ रहे हैं।

बीते नौ महीनों के दौरान पीएम मोदी ने सात बार राजस्थान का दौरा किया है। सनद रहे भाजपा ने सूबे में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सीएम फेस घोषित नहीं किया है। वह पीएम मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ने जा रही है। हालांकि चुनावी विश्लेषकों का कहना है कि इस चुनाव में बेहद कड़े मुकाबले के आसार बन रहे हैं। यह चुनाव किसी भी तरफ जा सकता है। आलम यह कि चुनाव से तीन महीने पहले ही भाजपा अपना प्रचार अभियान तेज कर रही है।

राजनीतिक विश्लेषक मनीष गोधा ने कहा कि सूबे में होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा को कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिलने के संकेत मिल रहे हैं। गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच हालिया समझौता भी कांग्रेस के लिए फायदे का काम करेगा। यह चुनाव किसी भी तरफ जा सकता है। सीएम अशोक गहलोत की योजनाओं का जनता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। हालांकि यह देखना होगा कि क्या यह कांग्रेस के लिए वोटों में तब्दील होगा या नहीं…

मनीष गोधा ने कहा कि इस बार भाजपा दिशाहीन नजर आ रही है क्योंकि सूबे में चुनावी अभियान की देखरेख और मार्गदर्शन के लिए कोई भी नेता नहीं है। भाजपा को अपने चुनावी अभियान और मतदाताओं से जुड़ाव को मजबूत करने की जरूरत है। वहीं भाजपा नेताओं का कहना है कि पार्टी ने प्रधानमंत्री और अन्य केंद्रीय नेताओं की यात्राओं की एक सीरीज की योजना बनाई है। कांग्रेस सरकार को घेरने के लिए कई विरोध प्रदर्शनों और सार्वजनिक कार्यक्रमों की भी योजना तैयार की गई है।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क्रमश: भरतपुर, जयपुर, उदयपुर और जोधपुर संभाग में रैलियां की हैं। कोटा संभाग ही ऐसा है, जहां किसी केंद्रीय नेता की आमसभा नहीं हुई है। इससे पहले पीएम का जाटों के गढ़ नागौर के खरनाल में एक जनसभा को संबोधित करने का कार्यक्रम था। अब जानकारी यह सामने आ रही है कि बैठक स्थगित हो गई है। इसके 16 अगस्त को होने की संभावना है। बैठक टलने के पीछे भाजपा नेताओं का दावा है कि पार्टी जाट नेता हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के साथ गठबंधन के लिए बातचीत कर रही है।

सनद रहे 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी और आरएलपी ने गठबंधन किया था। बेनीवाल ने नागौर से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। हालांकि, चर्चा है कि नागौर में स्थानीय भाजपा नेताओं ने लोगों में बन रही सियासी हवा को लेकर बेहद प्रतिकूल प्रतिक्रिया दी है। नेताओं का कहना है कि नागौर क्षेत्र के किसान, जिन्होंने भाजपा के लाए कृषि कानूनों का विरोध किया था, वे साथ नहीं हैं जिससे क्षेत्र में भीड़ का जुगाड़ करना चुनौतीपूर्ण होगा। खरनाल बैठक का आयोजन उर्वरक मंत्रालय द्वारा किया जाना था क्योंकि पीएम को पीएम प्रणाम योजना की घोषणा करनी थी और 9 करोड़ किसानों के खातों में पीएम किसान सम्मान निधि निधि भी देनी थी।

अब वह कार्यक्रम सीकर स्थानांतरित कर दिया गया है। इस कार्यक्रम में पीएम सम्मान निधि ट्रांसफर करेंगे और पीएम प्रणाम योजना की घोषणा करेंगे। मालूम हो कि चुरू और झुंझुनू के साथ सीकर जाट प्रभुत्व वाली शेखावाटी बेल्ट है। इस क्षेत्र में भाजपा परंपरागत रूप से मजबूत नहीं रही है। 2018 के चुनाव में पार्टी को शेखावाटी की 21 में से सिर्फ तीन सीटें मिली थीं। सीकर और खरनाल में बैठकों का मकसद जाटों का समर्थन जुटाना है, जिनमें से बड़ी संख्या में किसान शामिल हैं। मोदी सीकर से पीएम प्रणाम योजना का शुभारंभ करेंगे। इस योजना का मकसद रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करना और जैविक खेती को बढ़ावा देना है।

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