राजस्थान में भजनलाल सरकार ने कैबिनेट विस्तार से पहले एक बड़ा चुनावी वादा पूरा कर दिया है। भाजपा के संकल्प पत्र में किए गए वादे के मुताबिक 1 जनवरी से गरीब परिवारों को 450 रुपए में रसोई सिलेंडर मिलने जा रहा है।
उज्ज्वला योजना और चुनिंदा बीपीएल परिवारों के फायदे के बाद अटकलें हैं कि भजनलाल सरकार ‘सबको फायदा’ पहुंचाने वाला एक बड़ा फैसला कर सकती है। चुनाव के दौरान खुद पीएम मोदी ने खुद इसका वादा किया था।
कैसे सबको न्यू ईयर गिफ्ट देगी भाजपा सरकार?
दरअसल, एलपीजी वाले फैसले का ऐलान करते ही राजस्थान में अब पेट्रोल-डीजल सस्ता किए जाने की अटकलें हैं। चर्चा है कि जल्द ही भाजपा सरकार पेट्रोल-डीजल में राज्य की ओर से लिए जाने वाले टैक्स में कटौती कर सकती है। पेट्रोल-डीजल राजस्थान में पड़ोसी राज्यों से ज्यादा महंगा है और भाजपा ने इसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था। खुद प्रधानमंत्री ने प्रचार के दौरान कई बार मंचों से कहा कि सरकार बनने के बाद पेट्रोल-डीजल कीमतों की समीक्षा की जाएगी।
कितना सस्ता हो सकता है पेट्रोल-डीजल
पेट्रोल-डीजल आसपास के राज्यों के मुकाबले राजस्थान में 10-12 रुपए महंगा है। माना जा रहा है कि सरकार इस अंतर को खत्म कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने इसकी स्टडी भी शुरू कर दी है। कितनी कटौती पर राज्य सरकार पर कितना बोझ बढ़ेगा, इसकी गणना की जा रही है। एक वरिष्ठ सूत्र ने कहा कि कटौती कितनी होगी यह तो अभी साफ नहीं है, लेकिन जल्द ही कीमतें कम हो सकती हैं।
तो होगा डबल फायदा?
इस बीच अटकलें यह भी हैं कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की वजह से केंद्र सरकार भी पेट्रोल-डीजल सस्ता कर सकती है। लोकसभा चुनाव से पहले यह अहम फैसला लिया जा सकता है। यदि केंद्र सरकार भी कीमतों में कटौती करती है तो राजस्थान को डबल फायदा होने वाला है।
क्यों जल्दी फैसले लेना चाहती है भाजपा
भले ही कैबिनेट विस्तार में काफी देरी हो चुकी है। लेकिन भजनलाल सरकार पर जल्दी कुछ बड़े फैसले लेने का दबाव है। भाजपा के एक बड़े नेता, जिनकी चर्चा मंत्री पद के लिए भी है, ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले सरकार को कुछ बड़े फैसले लेने होंगे, जिससे एक बड़े तबके को फायदा मिले। कुछ ही महीनों बाद होने जा रहे लोकसभा चुनाव से पहले सरकार जिन वादों को पूरा करना चाहती है, उनमें पेट्रोल-डीजल सस्ता करना सबसे प्रमुख है। क्योंकि इसका फायदा हर अमीर-गरीब वोटर को मिलेगा। पड़ोसी राज्यों के मुकाबले लंबे समय से अधिक कीमत चुका रहे राजस्थानियों के लिए यह एक बड़ा मुद्दा है।