यूपी के मुजफ्फरनगर में आयोजित महापंचायत में बिजली विभाग, उसके छापों और गन्ने की समस्या का मुद्दा छाया रहा है। इस दौरान भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत और राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सरकार को घेरने की कोशिश की।
राकेश टिकैत ने हुंकार भरते हुए लोगों से कहा कि किसान ट्यूबवेल का मीटर उखाड़ फेंके या उसे जमा करके 23 अक्टूबर को होने वाले आंदोलन में शामिल होंगे।
मंगलवार को मुजफ्फरनगर के मुंडभर गांव में किसानों की महापंचायत हुई। इस दौरान भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा की आने वाली 23 तारीख को मुजफ्फरनगर में बड़े आंदोलन की शुरुआत की जाएगी। सबसे पहले किसान अपना मीटर उखाड़ कर फेंक दिए जाएंए या फिर जमा होंगे। अगर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय का दरवाजा नहीं खुलेगा तो ट्रैक्टर से दरवाजा तोड़ दिया जाएगा। उन्होंने किसानों से अपील की की कोई भी बुढ़ाना मिल का किसान गन्ना केंद्र पर ना डालें। मुजफ्फरनगर डीएम कार्यालय पर गन्ना लेकर आए वही गन्ना डाला जाएगा।
हरियाणा के किसानों की भी ली जाएगी मदद
राकेश टीकैत ने कहा कि देश को अब गांव बचाएंगे ,खाप पंचायत बचाएगी। राकेश टिकैत ने कहा की हरियाणा के किसानों की भी आंदोलन में मदद ली जाएगी। मुजफ्फरनगर आंदोलन की तारीख 23 है मगर वापसी की तारीख कोई तय नहीं की गई है।
बिजली बिल के डर से बंद हुआ कोल्हू
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने क्षेत्र के गांव मुंडभर में किसान पंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि सभी किसान एकता बनाए रखें, किसान एकता ही एक ऐसा हथियार है जो कि सरकार की किसान विरोधी नीतियों पर भारी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि गन्ने के कोल्हू चलने पर लोगों को रोजगार मिलता था, लेकिन बिजली बिल के डर से अधिकतर कोल्हू बंद हो गए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री किसी भी किसान संगठन की समस्याएं सुने। चाहे वह गन्ने की हो या बिजली की हम यही कह रहे हैं कि किसान को सबसे पहले सम्मान दिया जाए। भाकियू अध्यक्ष ने किसानों से कहा कि अगर अबकी बार भी यह सरकार आती है तो किसान की दुर्गति होगी।