यूपी सरकार शहरों में सीवर व सौप्टिक टैंक की सफाई के दौरान कर्मियों की मौत होने पर उनके परिजनों को 30 लाख रुपये देगी। पूर्ण रूप से अपंग होने पर 20 लाख और आंशिक रूप से अपंग होने पर 10 लाख रुपये दिया जाएगा।
प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने शासनादेश जारी करते हुए निकायों को निर्देश भेज दिया है।
सीवर व सैप्टिक टैंक की सफाई में लगे कर्मचारियों के लिए मैनुअल मैला ढोने वाले और पुनर्वास अधिनियम वर्ष 2013 में बनाया था। इसमें उन्हें सुरक्षा उपकरण देने और मृत्यु या अपंग होने की स्थिति में 10 लाख रुपये देने की व्यवस्था की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में अक्तूबर 2023 को इस संबंध में नया आदेश दिया है। इसके आधार पर नगर विकास विभाग ने संशोधित शासनादेश जारी किया है।
नगरीय निकायों में सीवर व सैप्टिक टैंक की सफाई में लगे नियमित, संविदा, वर्क चार्ज, दैनिक वेतन भोगी कर्मियों के नियुक्ति प्राधिकारी नगर निगम में नगर आयुक्त व नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों में अधिशासी अधिकारी होते हैं। इसके अलावा सेवा प्रदाता के माध्यम से भी सीवर व सैप्टिक टैंक की सफाई के लिए कर्मचारियों को रखा जाता है। इसलिए नियोजकों द्वारा इनकी सफाई के लिए लगाए जाने वाले कर्मियों की बीमा पालिसी अनिवार्य रूप से कराई जाएगी। इसका प्रीमियम नियोजकों द्वारा दिया जाएगा, जिससे सैफाई के दौरान किसी भी स्थिति में आश्रितों को तय व्यवस्था के अनुसार पैसा दिया जा सके।