यूपी लोकसभा में शानदार सफलता के बाद कांग्रेस और समाजवादी पार्टी विधानसभा की दस सीटों पर होने वाली उपचुनाव में भी मिलकर लड़ेंगे। इंडिया गठबंधन में शामिल दोनों दलों के बीच सीटों का बंटवारा भी हो गया है।
हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है। सूत्रों के अनुसार समाजवादी पार्टी सात और कांग्रेस तीन सीटों पर चुनाव लड़ेगी। एक दिन पहले ही इस बारे में पूछने पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि इस चुनाव से सरकार से बननी नहीं है।
यूपी में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माने जा रहे इस उपचुनाव में सभी दस सीटें जीतने पर भाजपा का जोर है। भाजपा ने इसके लिए बड़ी तैयारी कर ली है। दस सीटों पर 30 मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसमें 14 कैबिनेट मंत्री शामिल हैं। अखिलेश यादव की सीट रही करहल और अयोध्या की मिल्कीपुर सीट जीतने पर भाजपा का सबसे ज्यादा जोर है। इस दोनों सीटों पर भाजपा ने चार-चार मंत्रियों को लगाया है।
यूपी में जिन दस सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है उनमें से नौ सीटों पर चुने गए विधायक अब सांसद बन गए हैं। एक सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा के कारण खाली हुई है। सपा-कांग्रेस के हौसले इसलिए भी उड़ान भर रहे हैं क्योंकि नौ में से पांच सीटों पर लोकसभा चुनाव के दौरान दोनों दलों ने भाजपा और उसके सहयोगियों को पछाड़ दिया था।
इन सीटों पर हो रहा उपचुनाव
करहलः अखिलेश यादव के इस्तीफे से खाली हुई यह सीट मैनपुरी लोकसभा में आती है।
मिल्कीपुरः सपा के अवधेश प्रसाद के इस्तीफे से खाली हुई यह सीट अयोध्या में आती है।
मीरापुरः रालोद के चंदन चौहान के इस्तीफे से खाली हुई यह सीट बिजनौर में है।
कुंदरकीः सपा के जियाउर्रहमान बर्क के इस्तीफे से खाली हुई यह सीट संभल में है।
गाजियाबादः भाजपा के अतुल गर्ग के इस्तीफे से खाली हुई यह सीट गाजियाबाद जिले में है।
खैर: भाजपा के अनूप प्रधान वाल्मीकि के इस्तीफे से खाली हुई यह सीट अलीगढ़ में आती है।
फूलपुरः भाजपा सांसद प्रवीण पटेल के इस्तीफे से खाली हुई यह सीट प्रयागराज में है।
कटेहरीः सपा के लालजी वर्मा के इस्तीफे से खाली हुई यह सीट अम्बेडकरनगर में आती है।
मझवांः निषाद पार्टी के विनोद बिंद के इस्तीफे से खाली हुई यह सीट मिर्जापुर में आती है।
शीशामऊःसपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा से खाली हुई यह सीट कानपुर में है।