उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने राज्य में वाणिज्यिक (कमर्शिलय) कनेक्शन की संख्या बढ़ाने का खाका खींच लिया है। इस काम में बिजली विभाग अन्य विभागों जैसे वाणिज्य कर, नगर निगम, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे करीब दर्जन भर विभागों की मदद लेगा।
इन विभागों के यहां पंजीकृत दुकानों, संस्थानों की सूची लेकर विभाग उनके कनेक्शन की विधा की जांच करेगा। जहां भी घरेलू कनेक्शन पर ये कारोबारी गतिविधियां होती नजर आएंगी, उनके कनेक्शन की विधा कामर्शिलय कर दी जाएगी।
यूपी में कनेक्शन राष्ट्रीय औसत तक ले जाने की तैयारी पावर कारपोरेशन के शीर्ष प्रबंधन ने वर्ष 2024-25 के लिए तय लक्ष्यों में इसे प्रमुखता से शामिल किया है। जिसमें लिखा गया है कि यूपी में कुल उपभोक्ताओं के मुकाबले बामुश्किल 10 से 12 फीसदी ही कामर्शिलय उपभोक्ता हैं जबकि इस विधा के कनेक्शन में राष्ट्रीय औसत 16 फीसदी है। प्रबंधन ने कामर्शिलय कनेक्शन औसतन 24 फीसदी तक ले जाने का लक्ष्य लिया है।
जीएसटी देने वालों पर नजर वाणिज्य कर विभाग से जीएसटी पंजीकृत संस्थानों की सूची, नगर निगम और विकास प्राधिकरणों से पंजीकृत व आवंटित वाणिज्यिक गतिविधि वाले परिसरों, दुकानें व आफिस की सूची तथा मेडिकल स्टोर भी जांचें जाएंगे।
सरकारी कार्यालयों के कनेक्शन की जांच भी होगी
शिक्षा विभाग से प्राथमिक स्कूलों की सूची के साथ बैंक, इंश्योरेंस एजेंसी, सामुदायिक केंद्र, पंचायत भवन, विकास खंड कार्यालय तथा अन्य सरकारी कार्यालय जो घरेलू विधा की बिजली से संचालित हैं, उनकी जांच करते हुए कनेक्शन कमर्शिलय करने के लिए कहा गया है।
कमर्शियल सिलेंडर रखने वालों को भी लाएंगे जद में
श्रम विभाग में पंजीकृत संस्थानों व ठेकेदारों, खाद्य पदार्थ तथा राशन की बिक्री के लिए संचालित दुकानों की सूची, शराब की दुकानों व गोदामों की सूची, गैस एजेंसियों से वाणिज्यिक सिलिंडर प्रयोग करने वाले व्यक्तियों की सूची की जांच की जाएगी।