योगी आदित्यनाथ सरकार ने यूपी विधानसभा के मॉनसून सत्र के पहले ही दिन पुरानी पेंशन योजना को लेकर स्थिति स्पष्ट की। साफ कर दिया कि सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन की सुविधा नहीं दी जा सकती।प्रश्नकाल में सपा के मान सिंह यादव द्वारा पुरानी पेंशन की बहाली के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार की ओर से संसदीय कार्य एवं औद्योगिक विकास राज्यमंत्री जसवंत सिंह सैनी ने कहा कि फिलहाल पुरानी पेंशन योजना लागू करने का कोई इरादा नहीं है।उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में जब यह खत्म की गई थी तब प्रदेश में सपा की सरकार थी। फिर वर्ष 2012 से 2017 तक यह सत्ता में रहे और इन्होंने इस दिशा में कुछ भी नहीं किया और अब यह मु्द्दा उठा रहे हैं। यह भी बताया गया कि नई पेंशन व्यवस्था को लेकर कोई असंतोष नहीं है। इस पर डा. मान सिंह यादव ने कहा कि असंतोष नहीं था तो दिल्ली के रामलीला मैदान में लाखों कर्मचारी कैसे जुट गए।
तदर्थ शिक्षक नहीं हो सकते नियमित
सरकार ने सोमवार को विधान परिषद में कहा कि एडेड माध्यमिक स्कूलों के 2214 तदर्थ शिक्षकों को नियमित किया जाना संभव नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने तदर्थ नीति को खत्म करने का आदेश दिया है। लिहाजा राज्य सरकार के पास कोर्ट के आदेश का अनुपालन करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है। ऐसे तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त किए जाने की बजाए उन्हें मानदेय पर रखने की व्यवस्था की गई है। इन्हें 25 हजार और 30 हजार मासिक मानदेय पर रखने के लिए शासनादेश भी जारी किया जा चुका है। विधान परिषद में शिक्षक दल के ध्रुव कुमार त्रिपाठी द्वारा 2214 एडेड शिक्षकों को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार की ओर से माध्यमि शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी ने यह जवाब दिया।