यूपी में ग्‍लोबल कैपिसिटी सेंटर नीति लाने की तैयारी में योगी सरकार, ये है मकसद
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बड़ी कंपनियां अपनी कार्यदक्षता बढ़ाने को अब ग्लोबल कैपिसिटी सेंटर बनाने की तैयारी में हैं। इन केंद्रों में कंपनियों को उसकी जरूरतों के हिसाब से एक साथ आईटी, शोध, वित्त, मानव संसाधन, बैंकिग और वित्तीय सेवाएं उपलब्ध होंगी।दुनिया भर में आ रहे बदलाव के चलते और भविष्य की जरूरतों को देखते हुए योगी आदित्‍यनाथ सरकार ग्लोबल कैपिसिटी सेंटर संबंधी नीति लाने की तैयारी में है। इस नीति के जरिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों को यूपी में ग्लोबल कैपिसिटी सेंटर स्थापित करने को प्रोत्साहित किया जाएगा ।असल में बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपने तमाम तरह के बिजनेस को इसी सेंटर के जरिए आगे बढ़ाएंगी। इसके जरिए डेटा प्रबंधन, डाक्यूमेंट प्रबंधन और सर्विस प्रबंधन काम भी आसानी से होगा। इसीलिए कंपनियां इन विषयों से जुड़े सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित करने पर जोर दे रही हैं। इन सबका मकसद कंपनी की संचालन लागत कम करना, शोध, वित्तीय प्रबंधन व डेटा विशलेषण उपलब्ध कराना है।

कार्यशाला में देंगे एआई के उपयोग की जानकारी

आईटी विभाग इस संबंध में विशेष कार्यशाला की शृंखला शुरू करेगा। इसमें बताया जाएगा कि बदलते वक्त के साथ सरकारी कामकाज में किस तरह एआई का उपयोग किया जाना जरूरी है। इसमें इसमें नोटिंग, एक्सेल का उपयोग, लैंग्वेज के बारे में बताया जाएगा। साथ ही अपनी फाइलों को हैकर्स से बचाने के तरीकों से भी अवगत कराया जाएगा। इसके अलावा केंद्र सरकार के ऐप ‘भाषिनी’ के साथ भी एमओयू हुआ है। भाषिणी एप का उपयोग भी कई तरीकों से किया जा सकेगा। इसमें अनुवाद, ध्वनि का रुपांतरण ,संवाद को एआई के जरिए विविध तरीकों से उपयोग करना भी सिखाया जाएगा।

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