जल्द ही अलीगढ़ को अब हरिगढ़ के नाम से जाना जाएगा। करीब 11 घंटे तक चली नगर निगम की पहली बोर्ड में मीटिंग में अलीगढ़ का नाम बदलने का लेकर प्रस्ताव पास हो गया। इसके अलावा जलकल व अमृत योजना के तहत राज्य विभाग आयोग से भुगतान के प्रस्ताव पर भी मेयर की मौजूदगी में मुहर लग गई।
हालांकि नगर निगम के मूल बजट, जलमूल्य व सीवर शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव सदन ने पास नहीं किया। हरिगढ़ का प्रस्ताव अब शासन को जाएगा। शासन से मंजूरी मिलने के बाद अलीगढ़ का नाम बदल दिया जाएगा। सोमवार को अलीगढ़ नगर निगम की सबसे लंबी अवधि तक बोर्ड बैठक चली। पिछले पांच सालों में इतनी रात तक कोई बोर्ड बैठक नहीं चली थी। बोर्ड बैठक में लंच के बाद शाम को चार बजे के बाद भी सवाल-जवाब का सिलसिला शुरू हुआ। इस दौरान पार्षद संजय पंडित के सुझाव अलीगढ़ को हरिगढ़ बनाने का प्रस्ताव पास किया गया।
उपसभापति कुलदीप ने सुझाव दिया कि जिन फैक्ट्रियों में 10 से 5 व्यक्ति काम कर रहे हो उनसे कामर्शियल का टैक्स नहीं लिया जाए, सदन ने इस प्रस्ताव को भी पास किया। जलकल विभाग को हैंडपंप रीबोर, नए नलकूपों के संचालन समेत अन्य प्रस्तावों को सदन ने पास कर दिया। राज्य वित्त आयोग से जलकल विभाग को करीब 86 लाख रुपये के भुगतान का प्रस्ताव सदन में रखा गया था। जनवरी 2024 से मार्च तक हाउस टैक्स में छूट नहीं मिलेगी यह प्रस्ताव भी पास कर दिया गया है। जलमूल्य, सीवरेज समेत कई अन्य प्रस्तावों को अगली बैठक में रखा जाएगा। पार्षदों के अधिकांश सुझाव पर अमल करने का अफसरों ने आश्वासन दिया। पूर्व मेयर मो. फुरकान के कार्यकाल में सवालों के जवाब को लेकर पार्षदों को इस तरह संघर्ष नहीं करना पड़ा था। सवालों के जवाब पार्षदों को पहले मिल जाते थे या फिर जवाब से संतुष्ट रहते थे। पूर्व मेयर के कार्यकाल में विशेष अधिवेशन में ही बजट रखा गया था।
क्या बोले मेयर
अलीगढ़ मेयर प्रशांत सिंघल ने बताया, सदन में पार्षदों ने नगर निगम के अफसरों से सवाल किए। नगर निगम के अफसरों ने सवालों के जवाब दिए। जिन सवालों का जवाब नहीं मिला है उसको अफसर पूरा करेंगे। जिन विषयों पर आपत्ति पार्षदों ने दर्ज कराई है उस पर नगर आयुक्त ने जांच के निर्देश दिए हैं। नगर निगम के अफसर जवाबदेही से नहीं बच सकते हैं। पार्षद को जनता के बीच जाना होता है और उसी अनुसार नगर निगम के अफसरों को जिम्मेदारी निभानी होगी। किसी तरह की अनियमित्ता व गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं होगी। बजट, जलमूल्य, सीवरेज को छोड़कर शेष प्रस्ताव पास कर दिए गए हैं।
नगर निगम के नगर आयुक्त अमित आसेरी ने बताया, बोर्ड की पहली बैठक में पार्षदों ने समस्त विभागों को लेकर सवाल पूछे। जिनका अफसरों ने जवाब दिया। जिन बिन्दू पर जवाब नहीं मिला है उसको दिया जाएगा। पार्षदगणों ने जिन विभागों पर अनियमित्ता व गड़बड़ी की बात की है उसकी जांच कराई जाएगी। जांच में जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। नगर निगम शासन के नियमों के तहत जन सुविधाओं व विकास को लेकर काम कर रहा है।