लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में अब दस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाला है। एनडीए और इंडिया दोनों गठबंधनों में सीटों के बंटवारे पर मंथन चल रहा है। इस बीच इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस ने दस में से पांच सीटों पर अपना दावा ठोंक दिया है।कांग्रेस की तरफ से इस बाबत रिपोर्ट बनाकर केंद्रीय नेतृत्व को भेज दिया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने शुक्रवार को यह भी बताया कि कांग्रेस दस में से किन पांच सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर रही है। हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि अंतिम फैसला राष्ट्रीय नेतृत्व को करना है। वहां से मिले निर्देशों के बाद पार्टी प्रत्याशी चयन से लेकर गठबंधन के साथियों के साथ बैठक और प्रचार का काम आगे बढ़ाएगी।शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में अजय राय ने कहा कि दस सीटों में होने वाले उपचुनाव में से पांच सीटें ऐसी हैं जहां पर सपा के ही विधायकों के सांसद बनने के कारण चुनाव होगा। इन सीटों पर सपा ही चुनाव लड़ेगी। उसी के प्रत्याशी उतारे जाएंगे। जो पांच सीटें भाजपा और उसके सहयोगी दलों के विधायकों के कारण खाली हुई हैं उन पर कांग्रेस ने अपना दावा किया है। इन सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए प्रस्ताव बनाकर केंद्रीय नेतृत्व को भेज दिया गया है। राष्ट्रीय नेतृत्व को अब निर्णय लेना है कि किसे कितनी सीटों पर चुनाव लड़ना है।अजय राय के अनुसार कांग्रेस बिजनौर की मीरापुर, गाजियाबाद जिले की गाजियाबाद, अलीगढ़ की खैर, प्रयागराज की फूलपुर और मिर्जापुर की मझवां सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। इन पांच में से तीन सीटों गाजियाबाद, खैर, फूलपुर भाजपा विधायकों के इस्तीफे से खाली हुई हैं। मझवां में निषाद पार्टी और मीरापुर में रालोद विधायक के इस्तीफे से सीट खाली हुई है। अन्य पांच सीटें मैनपुरी की करहल, अयोध्या की मिल्कीपुर, संभल की कुंदरकी, अंबेडकरनगर की कटेहरी सपा विधायकों के सांसद बनने से खाली हुई है। एक सीट कानपुर की शीशामऊ सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा मिलने से रिक्त हुई है।यूपी में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले हो रहे इस उपचुनाव को सेमीफाइनल माना जा रहा है। लोकसभा चुनाव में झटका खा चुकी भाजपा ने इसके लिए बड़ी तैयारी कर ली है। सभी दस सीटों पर तीस मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। ज्यादातर सीटों पर तीन-तीन मंत्री भाजपा के लिए माहौल बना रहे हैं। अखिलेश यादव के इस्तीफे से खाली हुई मैनपुरी की करहल और अवधेश प्रसाद के इस्तीफे से खाली अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर चार-चार मंत्रियों को उतारा गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद मानिटरिंग कर रहे हैं।
किसी सीट पर कौन था विधायक
मैनपुरी की करहल सीट अखिलेश यादव के इस्तीफे से खाली हुई।
अयोध्या की मिल्कीपुर सपा के अवधेश प्रसाद के इस्तीफे से खाली हुई।
बिजनौर की मीरापुर रालोद के चंदन चौहान के इस्तीफे से खाली हुई।
संभल की कुंदरकी सपा के जियाउर्रहमान बर्क के इस्तीफे से खाली हुई।
गाजियाबाद सीट भाजपा के अतुल गर्ग के इस्तीफे से खाली हुई।
अलीगढ़ की खैर सीट भाजपा के अनूप प्रधान वाल्मीकि के इस्तीफे से खाली हुई।
प्रयागराज की फूलपुर भाजपा प्रवीण पटेल के इस्तीफे से खाली हुई।
अंबेडकरनगर की कटेहरी सपा के लालजी वर्मा के इस्तीफे से खाली हुई।
मिर्जापुर की मझवां निषाद पार्टी के विनोद बिंद के इस्तीफे से खाली हुई।
कानपुर की शीशामऊ सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा से खाली हुई।