इजरायली दूतावास ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत की पोस्ट को लेकर भारत के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है। नई दिल्ली स्थित इजरायली दूतावास ने यहूदी समुदाय के खिलाफ नरसंहार को उचित ठहराने वाली यहूदी विरोधी टिप्पणियों के लिए शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत के खिलाफ विदेश मंत्रालय को कड़े शब्दों में एक वर्बल नोट भेजा है।
इसके अलावा, दूतावास ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भी एक पत्र लिखा है।
दरअसल 14 नवंबर को, संजय राउत ने गाजा के अल-शिफा अस्पताल की भयावह स्थिति को दर्शाती हुई एक रिपोर्ट शेयर की थी। इसके साथ उन्होंने एक विवादित टिप्पणी भी। इसी को लेकर इजरायल भड़क गया। राउत ने लिखा, “हिटलर ज्यू (यहूदी) कम्युनिटी इतनी नफरत क्यों करता था? ये अब समझ में आ रहा है?” हालांकि, कड़ी प्रतिक्रिया के बाद राज्यसभा सांसद ने अपना ट्वीट हटा दिया। संजय राउत द्वारा दोबारा शेयर की गई रिपोर्ट में इजराइल के हमले के बाद अल-शिफा अस्पताल में समय से पहले जन्मे बच्चों को चिल्लाते हुए दिखाया गया है।
अब यहूदी समुदाय के खिलाफ की गई इस विवादित टिप्पणी को लेकर इजरायली दूतावास ने विरोध दर्ज कराया है। विदेश मंत्रालय (एमईए) और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे अपने कड़े शब्दों वाले पत्र में, इजरायली दूतावास ने यहूदी समुदाय के खिलाफ नरसंहार को उचित ठहराने वाली राज्यसभा सांसद की “यहूदी विरोधी” टिप्पणियों पर निराशा व्यक्त की है।
द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, राजनयिक सूत्रों ने कहा कि इजरायली दूतावास चाहता है कि सांसद (संजय राउत) को बताया जाए कि उनके पोस्ट ने उस देश को किस तरह आहत किया है जो हमेशा भारत के साथ खड़ा रहा है। होलोकॉस्ट द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यूरोपीय यहूदियों का नरसंहार था। 1941 और 1945 के बीच, नाजी जर्मनी और उसके सहयोगियों ने जर्मनी के कब्जे वाले यूरोप भर में लगभग 60 लाख यहूदियों को गैस चैंबर में बंद करके व्यवस्थित रूप से मार डाला था।