माफिया मुख्तार अंसारी को वाराणसी की जिला जज की अदालत से बड़ी राहत मिल गई है। रुंगटा परिवार को धमकी के मामले में सजा के खिलाफ दाखिल की गई अपील पर प्रभारी जिला जज अनुतोष कुमार शर्मा की कोर्ट ने सुनवाई की और सजा पर रोक लगाते हुए विपक्षी को नोटिस जारी की है।
कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 29 जनवरी की तिथि मुकर्रर की है। मुख्तार अंसारी को 15 दिसंबर को एसीजेएम-प्रथम (एमपी/एमएलए) उज्ज्वल उपाध्याय की कोर्ट ने धमकी के मामले में दोषी पाते हुए साढ़े पांच साल की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही कोर्ट ने अर्थ दंड भी लगाया था। इस आदेश के खिलाफ अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने सत्र न्यायालय में अपील दाखिल की है।
अपील में कहा गया की लोअर कोर्ट ने अपने निर्णय विधि के अनुरूप नहीं होकर सरसरी तौर से दिया गया। रुंगटा अपहरण कांड से सबंधित एक ही संव्यवहार में दो एफआईआर कहीं से उचित नहीं था। इस संबंध में सीबीआई कोर्ट को भी उस समय जानकारी नहीं दी गई थी। रुंगटा अपहरण कांड में सीबीआई कोर्ट ने आरोपी को बरी किया था। कोई भी आरोपी के खिलाफ साक्ष्य नहीं था, जो उसके मोवक्किल को दोषी ठहराया जा सके।
धमकी के मामले में घटनास्थल पर आरोपी के रहना अति आवश्वक है। अभियोजन ने इसे साजिश के आरोप में बताया है। जो विधि व्यवस्था के अनुरूप नहीं है। लोअर कोर्ट से सजा सबंधित आदेश को निरस्त करने की गुहार लगाई गई। प्रकरण के अनुसार नंद किशोर रुंगटा के अपहरण के बाद उनके परिवार वालों को बम में उड़ाने की धमकी दी गई थी।
इसके बाद महावीर प्रसाद रुंगटा ने भेलूपुर थाने में पांच नवंबर 1997 को मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने विवेचना के बाद धमकी के मामले में मुख्तार के खिलाफ उसी समय आरोप पत्र दाखिल किया था। मुख्तार अंसारी फिलहाल बांदा की जेल में बंद है। उसे कई मामलों में अब तक सजा सुनाई जा चुकी है।